गीत दिहाड़ी माता का
नीली सी टोपी हरिया सा बागा तो
गीत दिहाड़ी माता नीली सी टोपी हरिया सा बागा तो
तूं कांई ये री दिहाड़ी माता ऊबी बड तले जी ।
मैं तो जावे छी जुवावे छी म्हारा सेवगडा री बाटज ओ
, मैं तो देखू ये कल्याण जी रा रमेशचन्दजी ने आंवता जी ।
म्हारी हंस हंस बेला जात जी ओ म्हारी मुलकत बेला जातओ ।
थे तो पूजो ये भन्साल्याँ री राण्या झरता चूरमा ये
थे तो चोढ़ो जी भन्साल्याँ का कंवरा लिलडा नारेला जी|
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