पितर जी |

रातीजगे के गीत |

सोनीजी खिड़की खोल , पितर ऊबा बारण

 

सोनीजी खिड़की खोल , पितर ऊबा बारण जी , ऊबा बारण जी  |

आवो पितरा बैठो जाजम ढाल ,काई र कारण आवियाजी  ,काई र कारण आवियाजी

दादोसा बुलाया माझल रात , कारज सारण आवियाजी , सारण आवियाजी |

बाबोसा  बुलाया माझल रात , कारज सारण आवियाजी , सारण आवियाजी

हाथा म दूध को गिलास , जाता तो पितर पि लिज्यों जी , पि लिज्यों जी |

हाथा म हरियों रुमाल जाता तो मुंडो पूछ लीज्यो जी |

साथीडा  खिड़की खोल , पितर ऊबा बारण जी , ऊबा बारण जी  |

आवो पितरा बैठो जाजम  ढाल ,काई र कारण आवियाजी  ,काई र कारण आवियाजी

काकोसा बुलाया माझल रात , कारज सारण आवियाजी , सारण आवियाजी |

बिरोसा  बुलाया माझल रात , कारज सारण आवियाजी , सारण आवियाजी

आवो पितरा बैठो पाटो  ढाल थे भोग लगावो जी , भोग लगावो जी ,भोग लगावो जी…..

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म्हारे पितर देवता आवो थारो रातिजगो हैं आज

पितर पधारो म्हारे आगनिये 

सती माता का गीत 

सासुजी का गीत 

घर आवो जी रसीला पितर खेलों म्हारे आनग्निये

थांका बाबाजी के आगे दुधही निमडी 

पितर ऊबा बारने जी 

सबी देवता का गीत 

यो बड घेर घुमेर 

पितर आया म्हार गाया के गुवाड़े 

थांका बाबाजी र बुलावे पितर 

हरिया बांसा रो पितरा पालनों जी 

सोनी जी खिड़की खोल , पितर ऊबा बारण जी 

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