सासुजी
इन्द्र लोकां से जो सासुजी म्हारा उतरया
बडं तलै लियो छ: उतार
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
चंदन चौकी जी सासुजी थानै बैठणो
भारतीय परम्परा का अनूठा संग्रह
दूध पखाला लां पांव
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
चावल तो रांधू जी सासुजी थानै ऊजला
चावल तो रांधू जी सासुजी थानै ऊजला
हरिया मूंग की दाल
.आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
कैर करेला जी सासुजी धानै सांगरी
बंद को छः साग
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
पोली तो पाऊ जी सासुजी डेढ सौ, तीवन तीस बत्तीस
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
गुंजा तो गूंथ जी सासुजी थाने गूंथना
लाडूडा मूठ बंधाय
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
बीजा तो तुर को जी सासुजी थानै बीजणो
गढ मथुरा को छः थाल
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
आजी तो मेलूंजी सासुजी थानै आडनी,
अब कै परोसाला भात
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
खांड परोसाला जी सासुजी थानै आंजला
घी की छः रेलापेल
आज बहु कै जी सासुजी आया पावण
चीमत निरखूं जी सासुजी थांकी आंगली, बोलत सुगणीसी जीब
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
मूंगफली सी जी सासुजी थांकि आंगली
जीव कमल की सी फूल
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
सोवन झारी जी सासुजी थानै जलभरी
मांय गंगाजल नीर
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
जीम्या तो चूठ्या ये म्हारी बहु बेट्यां रस रहा
पोढन ठोर बताय
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
ऊँचा तो मंदिर जी सासुजी थानै रह रह्या
विला जुपै ये चिराग
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
ओछा तो पाया जी सासुजी थानै ढोलनी
चमची रो बाण बणाय
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
गाल मंसूरी जी सासुजी थानै गिंदवा
उलट-पुलट की छ: सोड
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
उलट-पुलट की छ : सोड
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
केसरिया से अब छल राज,
बेटा पोतां री बंधज्यो बेल
आज बहु कै जी सासुजी आया पावणा
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