जैतल का गीत
जागो ए जैतल बाई, थाने जगावन आई-2
तातो सो पानी लाई, तेल उबटना लाई-2
नहावो जैतल बाई, थाने न्हीलावन आई।
पात पीताम्बर लाई, सुंदर सी चुनड़ी लाई-2
ओढो ओढो जैतल बाई, थाने उढावन आई।
घस-घस चंदन लाई, लाल सिंदूर लाई-2
तिलक लगाओ जैतल बाई, थाने लगावन आई।
हलवा तो पूड़ी लाई, गोंद का लाडू लाई-2
जीमो ए जैतल बाई, थाने जिमावन आई।
गुड़ बिना चौथ नाई, जैतल बिना रतजगा नाई-2
चालो ए जैतल बाई, थाने बुलावन आई।
दिवला का गीत
भवन में दिवला जोर धरे-2
रातिजगा के गीत होय रहे।
काहे का दिवला काहे की बाती, परी काहे के धिरत जरे
सोने का दिवला कपूर की बाती, परी सूरई के धिरत जरे।
भवन में दिवला जोर धरे…।।1।।
कौन सँवारे दिवला बाती, कुन उजियारा करे।
पूत सँवारे दिवला बाती, बहू उजियारा करे।
भवन में दिवला जोर धरे…।।2।।
काहे को प्रसाद बनायो, किन भोग लगायो
हलवा को प्रसाद बनायो, मैया न भोग लगायो
भवन में दिवला जोर धरे… ॥3॥
2
दिवला का गीत
सूरज जी दिवलो राणादेजी बाती
चन्द्रमा जी दिवलो, रुकमणी बाती
विनायक जी दिवलों, रिद्धि सिद्धि बाती
सुभद्रा बाई रो तेल बले सब राती
जूप म्हारा दिवला जपुकला बाती
दादाजी दिवलो दादीजी बाती
बाबाजी दिवलो माताजी बाती
चाचाजी दिवलो चाचीजी बाती
बीरा जी दिवले, भाभीजी बाती
भूवा बाई रो तेल बले सब राती
जूप म्हारा दिवला जुपली बाती
ननद बाई रो तेल बले सब राती
जूप म्हारा दिवला जूपला बाती
बेण बेटी रो तेल बले सब राती
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