भगवान श्री हरी के सुदर्शन चक्र की पूजा विधि

भगवान विष्णु श्री हरि ने किस तरह से सुदर्शन चक्र प्राप्त किया यह हम पढ़ चुके हैं अब हम यह जानेंगे कि सुदर्शन चक्र की पूजा करने से क्या लाभ होते हैं और सुदर्शन चक्र की पूजा की क्या विधि है उसकेविधि पूर्वक पूजन करने के क्या-क्या लाभ होते हैं

भगवान श्री हरि के सुदर्शन चक्र की पूजा करने की विधि इस प्रकार है

सर्वप्रथम स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ नवीन वस्त्र धारण करें

भगवान श्रीहरि का ध्यान अपने निर्मल हृदय में बारंबार करें

भगवान श्री हरि विष्णु के साक्षात् शंख चक्र गदा एवं सभी आयुध धारण करे हुए सुंदर

स्वरूप का मन ही मन ध्यान करें और उनका आह्वान करें

धूप दीप पुष्प नैवेद्य से उनकी पूजा करें

भगवान श्री हरि के मूल मंत्र ”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय “ मंत्र का 108 बार जप करें

यथाशक्ति ब्राह्मणों को भोजन करवाकर दान दक्षिणा देव

यदि हो सके तो सुदर्शन चक्र स्तोत्र का पाठ करें सुदर्शन चक्र की पूजा करने से शत्रओ का क्षय तथा  सूर्य के समान तेज प्राप्त होता है

इसके करने से समस्त व्याधियों का नाश हो जाता है तथा सहस्त्रो सूर्य के समान तेज संपन्न सुदर्शन चक्र को मेरा बारंबार नमस्कार

तेजस्वी किरणों की मालाओं से मंडित हजारों चक्र वाले नेत्र स्वरूप सर्व दुष्ट विनाशक तथा सभी प्रकार के पापों को नष्ट करने वाले श्रीहरि आपको बारंबार नमन

सुदर्शन चक्र तथा वीर चक्र नामधारी संपूर्ण मंत्र का मनन करने वाले जगत की रचना करने वाले पालन करने वाले पोषण करने वाले जगत का संहार करने वाले हे सुदर्शन चक्र ! आपको मेरा नमस्कार

संसार की रक्षा करने के लिए देवताओं का कल्याण करने वाले दुष्ट राक्षसों का विनाश करने वाले दुष्टों का संहार करने के लिए उग्र स्वरूप एवं प्रचंड स्वरूप और सज्जनों के लिए सुंदर स्वरूप धारण करने वाले आप को मेरा बारंबार नमस्कार है

जगत के लिए नेत्र स्वरूप संसार में माया मोह काटने वाले माया रुपी पिंजड़े का भेदन करने वाले कल्याणकारी सुदर्शन चक्र को मैं बारंबार प्रणाम करता हूं

ग्रह ग्रह एवं अतिग्रह स्वरूप ग्रह ग्रहपति कालस्वरूप मृत्यु स्वरूप पापत्माओं के लिए महाभयंकर आपके इस लिए बार-बार नमन है

भक्तों पर अपनी दया सदैव ही बनाए रखने वाले कृपा करने वाले उनकी रक्षा करने वाले विष्णु स्वरूप शांत सद्भाव समस्त आयुक्तों की शक्ति को अपने में ही धारण कर शांत चित्त स्थिर रहने वाले विष्णु के सहस्त्र भूत हे सुदर्शन चक्र ! आपके लिए बारंबार नमस्कार है

इस महापुण्य साली सुदर्शन चक्र स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को संपूर्ण सुखों की प्राप्ति करता है

विष्णु लोक में सदैव ही निवास करता है जन्म मरण के बंधन से छूट जाता है

वह करोड़ों सूर्य के समांतर क्रांति वान होकर सर्वांग सुंदर होता

भक्ति पूर्वक जो इसका पाठ करता है वह परम पद को प्राप्त होता है

इसका पाठ करने से व्यक्ति विष्णुलोक जाने का अधिकारी हो जाता है

यदि निष्काम भाव से श्रीहरि के सुदर्शन चक्र का ध्यान व सेवन करें तो मुक्ति को प्राप्त हो जाता है

सुदर्शन चक्र के पूजन मात्र से ही करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं जो मनुष्य इस सुदर्शन चक्र स्तोत्र का पाठ करता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति हो |

 

सुदर्शन चक्र की कथा 

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