श्री गणेश शत नामावली | Shree Ganesh Shat Namavali
श्री गणेश शत नामावली का विधिवत जप करने से सभी मानव समस्त आपतियों से मुक्त हो जाते हैं | इसके आचरण से सभी अरिष्ट नष्ट हो जाते हैं | यह श्री गणेश शत नामावली सभी विघ्नों को दुर करने के लिये की जाती हैं | बिना किसी कारण के ही दुखी होना , कार्य में असफल हो जाना , राजपुत्र राज्य को प्राप्त नही कर सकता , कुमारी पति को नही प्राप्त कर सकती , स्त्री पुत्र को , विद्याथी पढ़ नही पाता , व्यापारी व्यापार में लाभ नही पाता और कृषक कृषि कार्य में सफल नहीं होता | इसलिये इन विघ्नों को दुर करनें के लिये श्री गणेश शत नामावली का स्मरण चाहिये |
श्री गणेश शत नामावली
- ऊँ विनायकाय नमः ,
- ऊँ विघ्नराजाय नमः
- ऊँ गौरीपुत्राय नमः
- ऊँ गणेश्वराय नमः
- ऊँ स्कंदाग्रजाय नमः
- ऊँ अव्ययाय नमः
- ऊँ पूताय नमः
- ऊँ दक्षाय नमः
- ऊँ अध्यक्षाय नमः
- ऊँ द्विजप्रियाय नमः
- ऊँ अग्निगर्भच्छिदे नमः
- ऊँ इन्द्रश्रीप्रदाय नमः
- ऊँ वाणीप्रदाय नमः
- ऊँ अव्ययाय नमः
- ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
- ऊँ शर्वतनयाय नमः
- ऊँ सर्वप्रियाय नमः
- ऊँ सर्वात्मकाय नमः
- ऊँ सृष्टिकर्त्रे नमः
- ऊँ देवाय नमः
- ऊँ अनेकार्चिताय नमः
- ऊँ शिवाय नमः
- ऊँ शुद्धाय नमः
- ऊँ बुद्धिप्रियाय नमः
- ऊँ शांताय नमः
- ऊँ ब्रह्मचारिणे नमः
- ऊँ गजाननाय नमः
- ऊँ द्वैमात्रेयाय नमः
- ऊँ मुनिस्तुताय नमः
- ऊँ भक्तविघ्नविनाशनाय नमः
- ऊँ एकदन्ताय नमः
- ऊँ चतुर्बाहवे नमः
- ऊँ चतुराय नमः
- ऊँ शक्ति-सम्युताय नमः
- ऊँ लम्बोदराय नमः
- ऊँ शूर्पकर्णाय नमः
- ऊँ हराय नमः
- ऊँ ब्रह्मविदुत्तमाय नमः
- ऊँ कालाय नमः
- ऊँ ग्रहपतये नमः
- ऊँ कामिने नमः
- ऊँ सोम सूर्याग्नि लोचनाय नमः
- ऊँ पाशंकुशधराय नमः
- ऊँ चण्डाय नमः
- ऊँ गुणातीताय नमः
- ऊँ निरञ्जनाय नमः
- ऊँ अकल्मशाय नमः
- ऊँ स्वयंसिद्धाय नमः
- ऊँ सिद्धार्चितपदाम्बुजाय नमः
- ऊँ बीजापुरफलासक्ताय नमः
- ऊँ वरदाय नमः
- ऊँ शाश्वताय नमः
- ऊँ कृतिने नमः
- ऊँ विद्वत्प्रियाय नमः
- ऊँ वीतभयाय नमः
- ऊँ गतिने नमः
- ऊँ चक्रिणे नमः
- ऊँ इक्शु-छापा-धरते नमः
- ऊँ श्रीदाय नमः
- ऊँ अजाया नमः
- ऊँ उतफाला-कराय नमः
- ऊँ श्री-पतये नमः
- ऊँ स्तुति-हर्षी-ताय नमः
- ऊँ कुलादरी-भ्रिते नमः
- ऊँ ज़तिलाय नमः
- ऊँ काली-कल्मश-नशनाय नमः
- ऊँ चंद्रा-छुड़ा-मनाए नमः
- ऊँ कांताय नमः
- ऊँ पपाहरीने नमः
- ऊँ समा-हिताय नमः
- ऊँ आश्रीताय नमः
- ऊँ श्रीकराय नमः
- ऊँ सोवंयाय नमः
- ऊँ भक्ता-वंचिता-दयकाय नमः
- ऊँ शांताय नमः
- ऊँ कैवल्य-सुखदाय नमः
- ऊँ सचिड़ा-नंदा-विग्रहाय नमः
- ऊँ ज्ञानिने नमः
- ऊँ दाययुठाय नमः
- ऊँ दानढाया नमः
- ऊँ ब्रह्मा-द्वेशा-विवर्जिताय नमः
- ऊँ प्रमत्ता-दैत्या-भयदाय नमः
- ऊँ श्रीकांताय नमः
- ऊँ विबुढ़ेश्वराय नमः
- ऊँ रामर्चीताय नमः
- ऊँ विधाए नमः
- ऊँ नगरजा-यगनो-पावितावाते नमः
- ऊँ स्थूलकान्ताय नमः
- ऊँ स्वयं-कार्ट्रे नमः
- ऊँ सम-घोषा-प्रियाय नमः
- ऊँ पारासमै नमः
- ऊँ स्थुल-टुंधाय नमः
- ऊँ अग्रन्याय नमः
- ऊँ धीराय नमः
- ऊँ वागिशाय नमः
- ऊँ सिद्धि-ढायाकाय नमः
- ऊँ ढुरवा-बिलवा-प्रियाय नमः
- ऊँ अव्यकतामूर्ताए नमः
- ऊँ अद्भुत-मूर्ति-माथे नमः
- ऊँ शैलेंधरा-तनु-जोत्सन्ग-खेलेनॉट्सूका-मनसाय नमः
- ऊँ स्वलावान्या-सुधा-सरजिता-मन्माता-विग्रहाय नमः
- ऊँ समस्त-जगड़ा-धराय नमः
- ऊँ माइने नमः
- ऊँ मूषिका-वाहनाय नमः
- ऊँ हृशताय नमः
- ऊँ तुष्ताय नमः
- ऊँ प्रसन्नातमाने नमः
- ऊँ सर्वा-सिद्धि-प्रधायाकाय नमः
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