गीत दशामाता के (1)
म्हारी माता ने मेमद लावज्यो, मारी दशामाता रकडी रतन जडावज्यो,
मारा दियाडा बावजी मैं आपने पूजुली सत रा जोग सू ।
जोड़ी तो मांगू सोलमी, मारी दशामाता मांगू अमर सुहाग
सो मारा दयाडा बावजी मैं आपने पूजुली सत रा जोग सू।
काना ने जाल गडाव्यो मारी दशामाता जूटणी जोल देवावव्यो
मारा दयाडा बावजी मैं आपने पूजुली सत रा जोग सू..
. खूब अन्न-धन्न लक्ष्मी देवज्यो मारी दशामाता बालूडा ने अमर करावज्यो
मारा दयाडा बावजी में अपने हिवड़ा ने हासक गडोवज्यो
मारी दशामाता तमण्यो पाट पोवावज्यो मारा दियाडा बावजी
में अपने 15 पौता री दादी वणावज्यो मारी दशामाता,
पौता ने अमर करावज्यो मारा दियाडा बावजी
मे अपने, बाया ने चूड़ला पिरावज्यो मारी दशामाता,
गजरे मजरे गलावज्यो मारा दियाडा बावजी
में अपने, घर में सुख शान्ति करावज्यो मारी दशामाता,
खुब आनन्द मंगल करावज्यो मारा दियाडा बावजी,
में अपना पगल्या ने पायल लावज्यो मेरी दशामाता,
गुगरा घमच लगावज्यो मारा दियाडा बावजी,
मे अपने दुनिया में जीवावो तो सुख सम्पति देवज्यो
मारी दशामाता दुनिया में भेजो तो शिव पूरी में भेजजो
मारा दियाडा बावजी में आपने पूजुली सत रा जोग सूं।
जय दशामाता की जय !
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