गरुड़ पुराण क्या है ? जाने रहस्य | Garuda Puran ka Mahttv

गरुड़ पुराण क्या है, इसका इतना

गरुड़ पुराण क्या है

क्या मृत्यु के समय ही करना चाहिए गरुड़ पुराण का पाठ? जानें रहस्य

गरुड़ पुराण वांग्मय में गरुड़ पुराण का महत्वपूर्ण स्थान है |क्योंकि सर्वप्रथम परब्रह्म परमात्मा प्रभु ने साक्षात् भगवान विष्णु ने ब्रह्माजी आदि देवताओं सहित देवेश्वर भगवान रुद्रदेव को सभी शास्त्रों में सारभूत  तथा महान अर्थ बताने वाले इस गरुड़ पुराण को सुनाया था  | यह गरुड़ पुराण विद्या ,यश ,सुंदर, जय लक्ष्मी, विजय और आरोग्य को देने वाली है जो मनुष्य इस गुरुड पुराण का पाठ करता है या सुनता है वह सर्वज्ञानी हो जाता है और अंत में उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है |

 जो मनुष्य एकाग्रचित होकर इस महापुराण का पाठ करता है सुनता है अथवा सुनाता है और जो इसका लेखन मात्र भी करता है या लिखवाता है या इसकी पुस्तक को  भी अपने पास रखता हैं |उसकी समस्त मनोकामनाए पूर्ण हो जाती हैं |

 जिस मनुष्य के हाथ में यह गरुड़पुराण पुराण विद्यमान है उसके हाथ में तो नीतियों का कोष है| जो प्राणी इस पुराण का पाठ करता है या इसको सुनाता है वैभव और मोक्ष दोनों को प्राप्त कर लेता है|

इस महापुराण को पढ़ने एवं सुनने से मनुष्य  धर्म अर्थ काम और मोक्ष इन चारों को प्राप्त कर लेता है | इस महापुराण का पाठ करने या सुनने की इच्छा करने वाले मनुष्य को उसकी इच्छा अनुसार संतान प्राप्त होती है तथा जिस भी वस्तु की कामना करने वाले मनुष्य की कामना प्राप्ति में सफलता प्राप्त कर लेता है |

 विद्यार्थी को विद्या , विजय की इच्छा करने वाले को विजय प्राप्त होती हैं |

 इस गरुड़पुराण के पाठ करने मात्र से मनुष्य ब्रह्म हत्या जैसे पाप से भी मुक्त हो जाता है |

कन्या उत्तम पति , सुहागन स्त्री पुत्र तथा क्षमा चाहने वाला क्षमा और भोग चाहने वाले को भोग प्राप्त होता है |

मंगल की कामना करने वाले को मंगल , गुणों के इच्छुक व्यक्ति गुण , काव्य करने का अभिलाषी मनुष्य कविता शक्ति और जीवन का सार तत्व चाहने वाला व्यक्ति का सारतत्व प्राप्त करता है|

 जो मनुष्य इस महापुराण के एक भी श्लोक का पाठ करता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है उसके मात्र आधे श्लोक का पाठ करने से निश्चय ही दुष्ट शत्रु का से हो जाता है |

जैसे देवताओं में जनार्दन श्रेष्ठ है आयुधों में सुदर्शन चक्र श्रेष्ठ है वैसे ही पुराणों में यह गुरुड पुराण श्रेष्ठ हैं |

यह गरुड़ पुराण शास्त्र सम्मत पुराण है

 विष्णु धर्म के प्रदर्शन में गरुड़ पुराण के समान दूसरा कोई पुराण नहीं है

इस गरुड़ पुराण में भगवान श्री हरि ही हैं श्री हरि का ध्यान करने से सभी मनोकामनाए पूर्ण हो जाती हैं |

यह गरुड़ पुराण बड़ा ही पवित्र और पुण्य दायक है यह सभी पापों का विनाश करने वाला , इस गरुड पुराण सुनने वालों की समस्त कामनाओं को पूरा करने वाला , इसका सदैव श्रवण करना चाहिए जो मनुष्य इस महापुराण को सुनता है या इसका पाठ करता है वह निष्पाप होकर यमराज की भयंकर यातनाएं को को तोड़कर स्वर्ग को प्राप्त करता है|

गरुड़ पुराण का पाठ अगर मन को एकाग्रचित के उसके भावों को समझकर किया जाय तो सर्वोत्तम होता है | गरुडपुराण का पाठ कभी भी कर सकते हैं। हमारे मन में यह  सहज ही ये सवाल उठते हैं कि क्या गरुड़ पुराण का पाठ केवल किसी की मृत्यु के समय ही करना चाहिए? क्या गरुड़ पुराण केवल भय पैदा करता ? गरुड़ पुराण का पाठ अगर भाव समझकर किया जाय तो सर्वोत्तम होता है, वहीं इसका पाठ कभी भी कर सकते हैं। वैसे अमावस्या या श्राद्ध दिवस में या कभी भी मन कर्म वचन से इसका पाठ करना सबसे ज्यादा उत्तम होता है गरुड पुराण का पाठ समझने पर यह बिलकुल भी भय पैदा नहीं करता है। वहीं गरुड़ पुराण के भाव को समझने के लिए अपने आप को भगवान श्री हरि की  शरण में जाने |

अन्य समन्धित पोस्ट

अन्य समन्धित कथाये

कार्तिक स्नान की कहानी 2 

कार्तिक मास में राम लक्ष्मण की कहानी 

इल्ली घुण की कहानी 

तुलसी माता कि कहानी

पीपल पथवारी की कहानी

करवा चौथ व्रत की कहानी

आंवला नवमी व्रत विधि , व्रत कथा 

लपसी तपसी की कहानी 

देव अमावस्या , हरियाली अमावस्या

छोटी तीज , हरियाली तीज व्रत , व्रत कथा 

रक्षाबन्धन शुभ मुहूर्त , पूजा विधि 15 अगस्त 2019

कजली तीज व्रत विधि व्रत कथा 18 अगस्त 2019

भाद्रपद चतुर्थी व्रत कथा , व्रत विधि

नाग पंचमी व्रत कथा

हलधर षष्ठी व्रत विधि व्रत कथा [ उबछठ ]

जन्माष्टमी व्रत विधि , व्रत कथा

गोगा नवमी पूजन विधि , कथा

सोमवार व्रत की कथा

सोलह सोमवार व्रत कथा व्रत विधि

मंगला गौरी व्रत विधि , व्रत कथा

स्कन्द षष्टि व्रत कथा , पूजन विधि , महत्त्व

ललिता षष्टि व्रत पूजन विधि महत्त्व

कोकिला व्रत विधि , कथा , महत्त्व

 

 

Related Post