भजन
मनुष्य जन्म अनमोल

 

 

 

 

 

 

मनुष जनम अनमोल रे, इसे मिट्टी में मत घोल रे
अब जो मिला है, फिर न मिलेगा, कभी नहीं, कभी नहीं कभी नहीं रे ।

राम नाम तू बोल रे, जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है, फिर न मिलेगा, कभी नहीं, कभी नहीं कभी नहीं रे (3)

तू है बुलबुला पानी का, मत कर रे जोर जवानी का
सम्हल सम्हल के चलना रे वन्दे, पता नहीं जिंदगानी का मिट्ठी वाणी बोल रे, हिलमिल कर तू डोल रे अब जो मिला है, फिर न मिलेगा, कभी नहीं, कभी नहीं कभी नहीं रे (1)

मतलब का संसार है रे, इसका नहीं इतवार रे
सोच समझ कर चलना रे वन्दे, धूल नहीं अंगार है
अब तो आँखियां खोल रे, प्रभु से नाता जोड़ रे
अब जो मिला है, फिर न मिलेगा, कभी नहीं, कभी नहीं कभी नहीं रे (2)

तू सत्संग में जाया कर रे, गीत प्रभु के गाया कर
सांज सबेरा बैठकर रे, प्रभु का ध्यान लगाया कर

लगता नहीं कुछ मोल रे, प्रभु का नाम अनमोल रे
अब जो मिला है, फिर न मिलेगा, कभी नहीं, कभी नहीं कभी नहीं रे (3)

अन्य पोस्ट

भारत माता की आरती

 

Categorized in: