पंच लोकपाल

1 भगवान गणेश

पंच लोकपाल भगवान गणेश पर ब्रह्म स्वरुप है । किसी भी पूजा से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए । इससे पूजा निर्विघ्न बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाती है । यह भगवान सदाशिव तथा माता पार्वती के पुत्र हैं । भगवान गणेश जी को नमस्कार करने का मंत्र इस प्रकार है।

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

 

गणेश जी का मुख हाथी का है एक ही दांत लंबी सुंदर की तरह है इन्हें लड्डू बहुत पसंद है इनका वाहन मूषक है । इनका ध्यान करने से प्रणाम करने से स्तुति करने से बुद्धि तथा अद्भुत तेज उत्पन्न होकर इस संसार में उसके सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण हो जाते हैं।।

2 मां दुर्गा पंच लोकपाल

मां दुर्गा देवी मां भगवती विश्व का कल्याण करने के लिए कभी गोरी रूप में आ जाती है तो कभी दुर्गा रूप में ब्रह्मा जी की प्रार्थना पर भगवती देवी ने मधु केटोप के उद्धार के लिए फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी को महाकाली रूप मैं प्रकट हूं। तथा रंबा पुत्र महिषासुर का उद्धार करने के लिए मां लक्ष्मी रूप में प्रकट और शुंभ निशुंभ का उद्धार करने के लिए मां सरस्वती रूप में उत्पन्न हुई आदिशक्ति दुर्गा अपने नाम के अनुसार भक्तों की दुर्गति को नष्ट कर देती है दुर्गा मसूर को करने के लिए आदिशक्ति मां भगवती दुर्गा के नाम से संसार में जानी जाती है।

 

3 वायु देवता

वायु देवता वायु देवता की उत्पत्ति विराट पुरुष के प्राणों से हुई प्राणियों में जो प्राण है उनके अधिष्ठाता देवता वायु ही है। शरीर में पांचो पुराणों में देव भाव वायु देवता से ही प्राप्त होता है वेदों में बताया गया है कि वायु देवता में अमृत की विधि स्थापित है।

4 आकाश देवता

आकाश देवता आकाश में ना तो रूप ना रस ना रूप है और ना ही स्पर्श अतः यह निराकार निर्विकार ब्रह्मा का प्रतिरूप है।
आकाश देवता का वर्ण नीला है उनके वस्त्र भी नील हैं चांद और सूर्य इनके दो हाथ है सभी अलंकारों से सुशोभित आकाश देवता का ध्यान करने से प्राणी नित्य  ऊंचाइयों को छूता है।

 

5 अश्विनी कुमार

 

 

कुमार अश्विनी कुमार नाम इनका उनकी माता के नाम पर संयुक्त नाम अश्वनी कुमार है इनका सौंदर्य बहुत आकर्षक है उनकी दह   में सुनहरी ज्योति है यह दोनों देवता जितने सुंदर है उतने ही सुंदर उनके कर्म है। स्मरण करते ही यह उपासकों के पास पहुंच जाते हैं और उनके संकट को शीघ्र दूर कर देते हैं। यह देवताओं के वेदधय है।

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