कार्तिक पूर्णिमा :  जानें कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व

कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं | इसे त्रिपुरी पूर्णिमा व गंगा स्नान के नाम से भी जानी जाती हैं | कार्तिक पूर्णिमा तिथि 8   नवम्बर 2022   को हैं | कार्तिक पूर्णिमा को हवन . दान , गंगा स्नान , उपवास , व्रत , ब्राह्मण भोजन करवाने से विशेष फल मिलता हैं | इस दिन किसी पवित्र नदी में दीपदान करने से राजसूर्य यज्ञ के समान फल मिलता हैं | कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था और भगवान त्रिपुरारी के नाम से पूजित हुए | मान्यता हैं की इस दिन निराहार व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान कर बछड़े का दान शुभ माना जाता हैं |

जाने क्या करे क्या न करे कार्तिक पूर्णिमा के दिन |

कार्तिक पूर्णिमा को स्नान करने से पहले कुशा [ ढाब ] हाथ में रखे |

यदि तीर्थ स्थान पर नहीं जाना हो तो जल में गंगा जल डाल ले |

दान देते समय हाथ में जल ले |

जप करने से पहले पहले संख्या का संकल्प ले |

चावल , गेहूं , लड्डू , वस्त्र का दान करे |

इस दिन कृतिका पूजन का विशेष महत्त्व हैं |

इन छ: कृतिकाओ शिवा , संभूति , सन्तति , प्रीति , अनसूया और क्षमा का पूजन करे | भगवान शिव प्रसन्न हो मनवांछित फल प्रदान करते हैं |

इस दिन दीपदान करे |

सत्यनारायण भगवान का विधिवत पूजन कर व्रत कथा सुने |

पूर्णिमा चन्द्रमा कि प्रिय तिथि हैं इसलिए खीर बनाकर भोग लगाये |

आम के पत्तो से मुख्य द्वार पर बन्दनवार बांधे , रंगोली बनाये |

इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करे |

ब्रह्मचर्यं व्रत का पालन करे |

किसी की निंदा , चुगली नहीं करे |

गरीब व असहाय लोगो को अपमानजनक शब्द ना कहे |

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