आयुवेदिक इलाज
गोमूत्र के चमत्कारिक प्रयोग
- गोमूत्र के चमत्कारिक प्रयोग -जलोदरके रोगीके लिये गोमूत्र तथा पञ्चगव्यका का सेवन लाभदायक होता है।
- गोमूत्र को पीने से पहले जितनी बार छानेगे उतना अधिक गुणकारी होता हैं बार – बार छानने गौमूत्र गुणकारी हो जाता हैं |गौमूत्र को 21 , 51 , 108 बार छानना चाहिए | गौमूत्र को छानकर पीये उतनी ही बार दस्त लगेगा जिससे रोग नष्ट होते हैं | काया निरोगी होती हैं | यह गोमूत्र की विशेषता हैं |
- किसी भी प्रकार के चर्म रोग के रोगीको गोमूत्र से स्नान करना चाहिये।
- गोमूत्रसे स्नानके बाद साबुन लगाकर स्नाननहीं करना चाहिए |
- गौमूत्र के स्नान के बाद स्नान करना रोगको बढ़ावा देना है।
- गोमूत्र पीनेसे जठराग्नि दीप्त होती है।
- ढ़ाई तोला गोमूत्र पीनेसे पथरी भी कट जाती हैं यह पथरी का रामबाण इलाज हैं पीने के लिए गौमूत्र का उपयोग छानकर ही करे |
- गौमूत्र 5 या 7 दिन पीने के बाद बंद क्र देना चाहिए | यह प्रयोग कुछ दिन करना चाहिये। गोमूत्र पीनेवालेको सायंकाल / शाम को गाय का दूध मिश्री मिलाकर पीना चाहिए |
- प्रातःकाल गोमूत्रसे आँखें धोनेसे आखो से होने वाले रोग कम हो जाते हैं |
- आखों की रौशनी तेज होती हैं | आँख समन्धि रोग विकार दूर होते हैं |
- आखों को गौमूत्र से धोते समय साबुन से परहेज करना चाहिए |
- आँख और नाक में सोते समय गाय का घी लगाना चाहिए |
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