गणपति गज वन्दन विनायक |
Vinayak Ji Ki Vandana Kese Karen
गणपति गज वन्दन विनायक ,थाने प्रथम मनावा जी ,
आना कानी मत करियो ,थारी किरपा चावा जी || टेर ||
माथे मुकुट निरालो थारे , गल मोतियन की माला जी
पार्वती का लाल कहावो , गणपति दुन्द दुन्द्याला जी ,
रिद्धि सिद्धि थारे संग में सोहे , मूसे की असवारी जी || टेर ||
रणत भवर गढ़ आप विराजो , दुखियो का दुःख दूर करो ,
जों भी थाने मन में ध्यावे , उसकी इच्छा पूर्ण करो ,
म्हारी लाज भी राखो गणपति थाने मन से धयावा जी || टेर ||
शुभ और लाभ के देने वाले ,सबकी नैया खेते जी |
श्याम सेवक थारी सरण में आयो , क्यू ना दर्शन देते जी ,
थाने राजी राखण ताइ , मोदक भोग लगावा जी || टेर ||
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