हमारे देश में तो  लोकगीतों का अनमोल खजाना हैं | और इन गीतों का प्रचार प्रसार करने की बहुत आवश्यकता हैं |ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी इन लोकगीतों के माध्यम से अपनी लोक संस्कृति से परिचित हो सके | लोकगीत – संगीत , आनन्द , मनोरंजन के साथ साथ हमारी संस्कृति का भी प्रतीक हैं |

इसी प्रकार यदि लड़का / लडकी का विवाह हैं तो सबसे पहले गणेश स्थापना होती हैं | सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेश जी को मनाया जाता हैं |

गीत बड़ा बिनायक 1

गढ रणत भंवर से आवो विनायक करो न अनचीती बिरदड़ी ।

एक पूछत पूछत नगर ढंढोरयो सजन सूरज जी रो घर किस्यो ।

एक ऊँची सी मेड़ी लाल किवाड़ी केले झबरके राजरे  बारणे ।

एक पूछत पूछत नगर ढंडोरयो सामें चन्द्रमा जी रो घर किस्यो ।

एक ऊँची सी मेड़ी लाल किवाड़ी केले झबर के राजरे बारणे ।

 पहलो तो बासो बसियो जी बागां बागों में बन फल बोवणा

बागां बाड़ो बन फल बंदज्यो चम्पो ए मरबो केवड़ो ।

दुजोजी  जी बासो बसियो गवाड़ गवाडा में गायां भैस्यां बोहोतसी।

गाय गवाड़ी भैंस बाड़ो सोहन थान बिलोवणा ।

बिलोवणों म्हारो घेरो सो गूंजे आंगण चमके म्हारी कुल बहू ।

एक सातवोजी वासो बसियो रे चंवरयां चवरयां में बैठा लाडालाडली ।

म्हारी लाडली रो चिर ए बद्ज्यो राईवर रो बागो केसरया |

एक दूजोजी वासो बसियोजी सरवर सरवर भरियो ठण्डा नीर से ।

भरियो तो सरवर लेवे रे हिलोरा नीर भरे रे पणिहारियाँ ।

एक चौथो जी बासा बसियो जी चोवट, चोवट चंवर दुलाविया,

एक पांचवो तो बासो बसियो जी तोरण, तोरण छाई धोली चिड़कली।

एक अदन बदन दोय चिड़िया जी बोले लाल मोती बे चुगे ।

एक छटो तो बासो बसियो जी मांया मांया में मंगल गाविया ।

म्हारी लाडली को चीर ए बदज्यो राईवर रो बागो केसर्या । एक गुड़ की भेली बधाई ओ बिंदायक खाण्ड बदज्यो कोथलां ।

एक चांवल चगड़ी बधाई ओ बिंदायक हरिया जी मूंग मंडोरता ।

एक घिरत धीलोड़ियां बधाई ओ बिंदायक तेल बदजो सीणा ।

एक पापड़ बदजो जेटां जी जेटां बड़ियां बदजो बिलोवणा ।

एक फिरता तो गिरता आई जो बिंदायक कुम्हारा का चाक ज्यू ।

एक भरीयो भतुलियो आई जो बिंदायक बिणजारा का बेल ज्यूं ।

एक माण्डयो तो चूण्डयों आई ओ बिंदायक सरबसवागण का सीश ज्यूं

एक इतना जतन कर आई ओ बिंदायक पवन पानी बायरो ।

एक आवे गूगलियारी बास ओ बिंदायक कुण सपूती गणपत पूजियो।

एक पूजे लाडलड़ा री माँ ओ बिंदायक जहाँ घर बिरद उतावली

एक बिरद बिंदायक चोड़े न बैठ बैठ जी ऊण्डे ओवरे ।

एक बिरद बिंदायक लूखो न जीमें , जीमें जी लयपस लापसी ।

बिरद बिंदायक बड़-बड़ न बोले बोलजी शब्द सुवावणा ।

एक कोथड़ली जब देईयो ओ बिंदायक लाडला को बाप ने ।

एक जीभडल्यां जस देई ओ बिंदायक लाडला री मांय ने ।

एक गाय बजाय जस लेवो बहु केसरदे थांक सुसराजी घर बिरदड़ी

एक नाच कूद जस लेवो बाई बेटियां थांके बीरासा घर बिरदड़ी

एक गावे बजावे हरक उपजावे  जस रहो परिवार में ।

Vinayak ji geet 2

गीत बड़ा बिन्दायक 2

कठेड़े से परगटिया ओ बाबा दूंद्याला कोई कठेड़े लिया हैंमिलाण 

रिद्ध सिद्ध करी विनायकदूंद्याला |

गढ़ रणतभवर में परगटिया ए बाई जेठाना  में लिया ये मलाण

शीश बण्यो नारेल ॥ जोधपुर  के छाजे नोपत |

बवांरा जड़िया भंवरियाओं बिन्दायक मोतियां तपे ललाड़ ओ

जोधपुर  के छाजे नोपत |

नाक सुवा री चूंच है ओ बाबा आँख नींबू की फांक ओ गजानन्द

जोधपुर  के छाजे नोपत |

जीभ कमल की पांखड़ी ओ बाबा दांत दाड़म का बीज गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

हिवड़ो तो हीरा जड़ियो रे बाबा छाती बजड़ किवाड़ ओ गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

मूँगफली सी आंगली ओ बाबा बांह चम्पा की डाल गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

पसवाड़े पास पड़या ओ बाबा पेट पीपल को पान गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

नाभी कमल को फूलड़ो ओ बाबा सुण्ड गवां की लोत गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

पींडी तो बेलन बेलणी ओ बाबा जांघ देवल को थान गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

ऐडी तो सुपारी ओ बाबा फाबो सटवा सूठ गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

कुण थाणे ढालिया ओ बाबा कांई थाने घड़िया सुनार गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

नहीं माने सनचे ढालिया ऐ बाई नहीं माने घड़िया ऐ सुनार गजानन्द

जोधपुर  के छाजे नोपत |

जन्म दियो म्हारी मायड़ बाई रूप दियो श्री भगवान गजानन्द ।

जोधपुर  के छाजे नोपत |

Vinayak ji gèet 3

विनायक का गीत. न. 3

दूं द दूंद्याला बाबा सूण्ड सून्ड्याला ओछी सी पींड्या,

एजन गारा हो म्हारा बिरद विनायक ॥ 

दूं द दूंद्याला बाबा सूण्ड सून्ड्याला ओछी सी पींड्या

एजन गारा हो म्हारा बिरद विनायक ॥ 

चालो विनायक आपां जोसी जी के चालां तो

चोखा सा लगन लिखावां जी म्हारा राज ॥

चालोजी विनायक आपां सुनार  के चालां तो

चोखा चोखा  गहना मुलावा जी म्हारा राज 

चालो विनायक दर्जी   के चालां तो

चोखा सा सुंदर सा कपड़ा मुलावा  जी म्हारा राज ॥

चालोजी विनायक आपां हलवाई के चालां तो

मीठा मीठा लाडूड़ा मुलावा जी म्हारा राज 

चालोजी विनायक आपां साजन  के  चालां तो

चोखी  सी बनडी  मुलावा जी म्हारा राज ,…………

विनायक जी गीत 4 

आओजी गजानन्द म्हारे प्यारा पावणा । 

थां बिन म्हारे काज न सरसी रिध सिंध लेता आवणां ॥

ब्रह्माजी आवो म्हारे विष्णुजी आवो आओ शिव प्यारा पावणां ।

ब्रह्माणी ने ल्याओ लिक्षमी ने ल्याओ संग गौरांजी ने ल्यावणां ।

सूरज आओ चन्दांजीने ल्याओ ध्रुवजी को ल्यानो मती भुलावणा ।

रेणादे ने ल्याओ चन्द्राणीने ल्याओ हिया में उजास बढ़ावणा ॥ 

रामजी भी आओ म्हारे कृष्णजी भी आओ

आवोबाबा हनुमतपावणां सीताने ल्याओ म्हारे

राधाजीने ल्याओ होवे अधिक उछावणां ॥ 

देव्यांभी आओम्हारे देवता भी आओ संग नवग्रह लेता आवणां |

नौनिधियां सर्व सिद्धियां ल्याओ म्हारे होवे नित शकुन सुहावणां |

विवाह में गाये जाने वाले बीरा गीत 

Categorized in: