गुरुवार व्रत के दिन क्या करें क्या नहीं करे ।
गुरुवार को यह कार्य करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं:-
गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग’ कहलाता है ।
गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।
गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है
हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।
गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की पूजा करें –
एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।
फिर यह मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की पांच परिक्रमा करें और प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है । गुरुवार के दिन तेल मालिश नहीं करना चाहिए है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी आवश्यक है तो तेल में दूर्वा डाल के मालिश कर सकते हैं ऐसा करने से वह दोष चला जायेगा ।
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