सुहाग कामण के 4 गीत |
सुहाग कामण के 4 गीत |
suhaag kaamn geet
सुहाग कामण गीत 1
बन्ना कांकण आण बिराज्या जी गज कामणीया
बन्ना बागा आण बिराज्या जी गज कामणीया
माली बिन्द सरायो जी गज कामणीया
बन्ना पनघट आण बिराज्या जी गज कामणीया
पणी हारया बिन्द सरायो जी गज कामणीया
बन्ना बजारा आण बिराज्या जी गज कामणीया
हटवाडा बिन्द सरायो जी गज कामणीया
बन्ना तोरण आण बिराज्या जी गज कामणीया
बन्ना खाती बिन्द सरायो जी गज कामणीया
बन्ना माया आण बिराज्या जी गज कामणीया
भुवा बिन्द सरायो जी गज कामणीया
बन्ना चंवरया आण बिराज्या जी गज कामणीया
बन्ना पंडित बिन्द सरायो जी गज कामणीया
बन्ना चालता की चाल बांधू बन्ना हालता का हाथ बांधू
बोलता की जीभ बांधू नैन बांधू गज कामणीया
घोड़ी चढ्यो बिन्द बांधू बिन्द को बिनायक बांधू बन्ना
साथ का साथीडा बांधू
सुहाग कामण गीत 2
लाडी की दादया दाल दलों ण उडद की ,
लाडी की नान्या दाल दलों ण उडद की
थे उडद मुंग सा द्लज्यों थे सुहाग कामण
कामण करल्यो ये सुहाग लाग्या पल्ले वे कामण लाग्या अल्ले
लाडी की मायड दाल दलों ण उडद की ,
लाडी की माम्या दाल दलों ण उडद की
थे उडद मुंग सा द्लज्यों थे सुहाग कामण
कामण करल्यो ये सुहाग लाग्या पल्ले वे कामण लाग्या अल्ले
लाडी की भुवा दाल दलों ण उडद की ,
लाडी की बैणा दाल दलों ण उडद की
थे उडद मुंग सा द्लज्यों थे सुहाग कामण
कामण करल्यो ये सुहाग लाग्या पल्ले वे कामण लाग्या अल्ले
लाडी की मासी दाल दलों ण उडद की ,
लाडी की सखिया दाल दलों ण उडद की
थे उडद मुंग सा द्लज्यों थे सुहाग कामण
कामण करल्यो ये सुहाग लाग्या पल्ले वे कामण लाग्या अल्ले
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सुहाग कामण गीत 3
बन्नी तो मेरी आसा ले चली
बा तो फिर ये गली गली
दादया भरदयो मेरी झोली
मायड भरदयो मेरी झोली
मेरी मांग में अखण्ड सिंदूर
, मेरी अखिया सुरमे घोली
नाखून में मेहन्दी घोली,
में खूब भरू झोली डुल डुल जावे म्हारी झोली
बाटो बाटो थे मायड म्हारी अमर सुहाग
बाटो बाटो ये दादया म्हारी अमर सुहाग
बाटो बाटो थे काक्या म्हारी अमर सुहाग
बाटो बाटो ये भाभ्या म्हारी अमर सुहाग
बाटो बाटो थे नान्या म्हारी अमर सुहाग
बाटो बाटो ये माम्या म्हारी अमर सुहाग
म्हारो खुब बडो रे सुहाग।
म्हारो राम भरयो झोली सुहाग
में तो पावु अमर सुहाग।
मै तो पाऊ अखण्ड सुहाग ,
अरी में तो पाऊ सात सुहाग।
अरी में तो मांगु अमर सुहाग।
सुहाग कामण गीत 4
बनडी चली आपरी मायड रे पास देवोदेवो म्हारी मायड अमर सुहाग।
ओरा ने देवां बाई पूड़ी रे बन्धाय, थांने कंवर लाडली थाल भराय,
थाने देवा कंवर लाडली अमर सुहाग अखण्ड सुहाग ।
पुडियारो बांध्यो साय ढुल ढुल जाय थाल भरयो ।
झक झोला खाय धुलरयो बनडी से अमर सुहाग।
बनडी चाली आपरी काक्यां रे पास
देवो देवो म्हारी काक्यां म्हाने अमर सुहाग।
ओरा ने देवा बाई पूडी रे बंधाय थांने कंवर लाडली थाल भराय,
थांने देवा कंवर लाडली अमर सुहाग अखण्ड सुहाग ।
इसी तरह परिवार की महिलाओं के नाम लेवे
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