शुक्रवार की आरती
ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
शुक्रवार की आरतीइस मन्त्र का 108 बार जप करें |
आरती लक्ष्मण बलजीत की ||
असुर संहारण प्राण पति की ||
जग भग ज्योति अवधपुरी राजे ||
शेषाचल पे आप विराजे ||
तिन लोक जाकी शोभा राजे ||
कंचन थार कपूर सुहाई |
आरती करत सुमित्रा माई ||
आरती कीजै हरी की तैसी |
धुर्व प्रहलाद विभीषन जैसी ||
प्रेम मग्न होय आरती गावे |
बसि बैकुण्ठ परम् पद पावे ||
आरती लक्ष्मण बलजीत की ||
असुर संहारण प्राण पति की ||
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