रक्षाबन्धन – 30 अगस्त बुधवार  2023

रक्षाबन्धन2023  का पर्व भद्रारहित अपराह्न व्यापिनी पूर्णिमा को करना चाहिए। यदि पहले दिन व्याप्त पूर्णिमा के अपराह्नकाल में भद्रा हो तथा दूसरे दिन उदयकालिक पूर्णिमा तिथि त्रिमुहूर्त भ व्यापिनी हो, तो उसी उदयकालिक पूर्णिमा (दूसरे दिन) के अपराह्नकाल में रक्षाबन्धन मनाना चाहिए ।  पूर्णिमा अपराह्न से पूर्व ही समाप्त हो जाये, तब भी क्योंकि उस समय साकल्यापादित पूर्णिमा का अस्तित्व होता है।

यथा यदा द्वितीयापराह्नात् पूर्व समाप्ता, तदापि भद्रायां द्वे न स कर्त्तव्ये…. ।।

यदि आगामी दूसरे दिन पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यापिनी न हो, तब पहले दिन भद्रा समाप्त होने पर प्रदोषकाल में रक्षाबन्धन का नियम है।

यथा : अथा रक्षाबन्धनमस्यामेव पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहूर्त्ताधिकोदयव्यापिन्याम् अपराह्णे प्रदोषे वा कार्यम् ।। उदयत्रिमुहूर्त्तन्यूनत्वे पूर्वेद्यु-भंद्रारहिते प्रदोषादिकाले कार्यम् ।।

दिनांक 30 अगस्त बुधवार 2023 को अपराह्न – व्यापिनी पूर्णिमा में भद्रादोष विद्यमान है इसलिए  आगामी दिन पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यापिनी नहीं है। पूर्णिमा प्रातः 07:05 पर समाप्त हो रही है। अतः इस वर्ष  30 अगस्त 2023 को रात्रि 09:02 के बाद भद्रा मुक्त समय में यह पर्व मनाया जायेगा। आवश्यक कार्य होने पर अथवा  विशेष परिस्थिति  हो तो वह भद्रामुख सायं 06बजकर 32मिनट  से रात्रि 08बजकर 13 मिनट तकके समय को छोडकर  पुच्छकाल —- सायं 05बजकर 32 मिनट से सायं 06बजकर 32मिनट  तक के समय में भी रक्षासूत्र बांध सकते है।

यथा:- • कार्येत्वावश्यके विष्टेः मुखमात्रं परित्यजेत् ।।

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