माघ महात्म्य

17   Articles
17
0

माघ मास व्रत उद्यापन विधि माघ मास स्नान करने वालो को माघ पूर्णिमा को प्रातः काल पवित्र तीर्थ में पवित्र नदियों  गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम में अथवा किसी भी नदी में स्नान…

Continue Reading
0

माघ मास महात्म्य अट्ठाइसवां अध्याय माघ मास माघ मास ] वशिष्ठ जी कहने लगे कि हे राजा दिलीप से जन समूह सहित अच्छोद सरोवर बहुत मे स्नान करके सुख पूर्वक मोक्ष को प्राप्त…

Continue Reading
0

माघ मास महात्मय सत्ताइसवां अध्याय माघ स्नान ] प्रेत कहने लगा कि हे पथिक! मैं इस समय तुम्हारे पास जो यह गंगा जल हैउसको  माँग रहा  हूं, क्योंकि मैंनेइसकी  बहुत कुछमहिमा  सुना हैं…

Continue Reading
0

माघ मास महात्मय  छब्बीसवां अध्याय माघ मास माघ मास [ पधिक कहने लगा कि हे प्रेत! तुमने सारस के वचन किस प्रकार और क्या सुने थे सो कृपा करकेमुझसे कहिए। प्रेत कहने लगा…

Continue Reading
0

माघ स्नान 24 वे दिन की कथा  माघ स्नान चौबीसवां अध्याय माघ मास कथा लोमश जी कहने लगे कि वह राजा पहले तो घोर  नरक में गया फिर अंध तामि नामक नर्क में…

Continue Reading
0

      माघ मास महात्म्य पच्चीसवां अध्याय [ माघ मास माघ मास ] पिशाच कहने लगा कि हे मुनि! केरल देश का ब्राह्मण किस प्रकार मुक्त हुआ। यह क्या विस्तारपूर्वक कहिए। देवद्यति…

Continue Reading
0

माघ मास महात्मय तेईसवां अध्याय माघ मास महामुनि लोमश कहने लगे कि जिस पिशाच को देवद्युति ने मुक्त किया वह पहले द्रविड़ नगर में चित्र नाम वाला राजा था। वह बड़ा सूरवीर, सत्यपरायण…

Continue Reading
0

माघ मास महात्मय इक्कीसवां अध्याय [  माघ मास ] लोमश जी कहने लगे कि पूर्व काल में अवन्ती देश में वीरसैन नाम का राजा था। उसने नर्मदा के किनारे राजसूय यज्ञ किया और…

Continue Reading
0

  माघ मास महात्मय बीसवां अध्याय माघ ] वेदनिधि कहने लगे की हे महर्षि! धर्म को जल्दी ही कहिएकी इस माघ मास में  क्योंकि श्राप की अग्नि बड़ी दुखकारक होती है। लोमश ऋषि…

Continue Reading
0

माघ मास महात्मय उन्नीसवां अध्याय  [ माघ मास ] वह पांचों कन्यायें इस प्रकार विलाप करती हुई बहुत देर प्रतीक्षा करके अपने घर में लौटीं। जब घर पर आईं तो माताओं ने पूछा…

Continue Reading