चालीसा संग्रह

23   Articles
23
0

दुर्गा चालीसा || Shree Durga Chalisa श्री दुर्गा चालीसा का  नित्य पाठ करने मात्र से ही अदभुद सुख़  एवं मनवांछित फल  की प्राप्ति होती हैं | जीवन में जों भी कामना की हो…

Continue Reading
0

शिवाष्टकं स्तोत्र  Shivashtakam Stotra प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथ नाथं सदानन्द भाजाम् । शिवाष्टकं स्तोत्र भवद्भव्य भूतेश्वरं भूतनाथं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 1 ॥   गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकाल कालं गणेशादि…

Continue Reading
2

भैरव चालीसा दोहा श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ | चालीसा वन्दन करो श्री शिव भैरवनाथ || श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल | श्याम वरण विकराल वपु लोचन…

Continue Reading
0

श्री गणेश चालीसा || दोहा || जय गणपति सद्गुण सदन , करि वर बदन कृपाल | विघ्न हरण मंगल करण , जय जय गिरिजालाल || || चौपाई || जय जय गणपति गणराजू |…

Continue Reading
0

  ।। श्री दुर्गायै नम: ।। श्री दुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्   ईश्वर उवाच  शतनाम प्रवक्ष्यामि शृणुष्व कमलानने । यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती ।। १।। ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी । आर्या दुर्गा…

Continue Reading
0

अथ सप्तश्लोकी दुर्गा | Ath Shree Saptshloki Durga शिव उचाव देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी। कलौ हि कार्यसिद्धयर्थमुपायं ब्रूहि यत्रतः॥ देच्युवाच श्रृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम्‌। मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते॥ ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण…

Continue Reading
0

महामृत्युंजय मन्त्र का भावार्थ Hindi meaning of the Maha Mritunjay Mantra ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |  उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् || अन्वय : – ॐ  सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् त्र्यम्बकं यजामहे मृत्यो र्मुक्षीय  बन्धनान्…

Continue Reading
0

संकटमोचन हनुमानाष्टक Sankatmochan Hanumanashtak संकटमोचन हनुमानाष्टक में वीर बजरंग बलि की महिमा का वर्णन किया गया है | बाल्यकाल से ही मेरे प्रभु ने बहुत चमत्कार किये हैं | उन्होंने सूर्य को लाल…

Continue Reading
0

श्री हनुमान चालीसा श्री हनुमान चालीसा तुलसीदास  जी की अवधि में लिखी एक काव्यात्मक कृति हैं | जिसमें श्री राम के निराले भक्त हनुमान जी भगवान के गुणों व कार्यो का चालीस चौपाईयो…

Continue Reading
0

 श्री विंधेश्वरी चालीसा || दोहा || नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब। संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥ || चौपाई || जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥ सिंह…

Continue Reading