प्रथम पूज्य गजानंद भगवान गणेश जी के पूजन का शुभ मुहूर्त
विघ्नहर्ता भगवान गौरी पुत्र गणेश जी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 31 अगस्त बुधवार 2022 को है ब्रह्मा योग और रवि योग होने के कारण अत्यधिक शुभ माना गया है यह अबुज मुहूर्त है अबूझ मुहूर्त होने के कारण नए घर में प्रवेश नए वाहन खरीदना नया व्यापार शुरू करना गणेश चतुर्थी के दिन प्रारंभ करना अत्यधिक शुभ है गणेश चतुर्थी को डंका चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है गणेश चतुर्थी के 1 दिन पहले लड़कों का सिंजारा मनाया जाता है बाल लड़के इसमें नए वस्त्र पहनकर हाथों में मेहंदी रचाते हैं गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से अनंत चतुर्दशी तक चलती है इसके बाद चतुर्दशी को भगवान गणेश जी का विसर्जन किया जाता है वैदिक ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि मध्यान्ह काल गणेश पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय है इस दौरान विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है भगवान श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को वृश्चिक लग्न में मतदान में हुआ था इसीलिए गणेश जी की पूजन के लिए वृश्चिक लग्न को सर्वश्रेष्ठ माना गया है
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी दिनांक 31 अगस्त 2022 को चतुर्थी तिथि दोपहर 3:23 तक रहेगी I गणेश पूजन के लिए मध्यान काल वृश्चिक लगन सहित को श्रेष्ठ माना गया है I गणेश पूजन हेतु मध्यान्ह काल प्रातः 10:21 से दोपहर 12:52 तक रहेगा वृश्चिक लग्न प्रातः 11:53 से दोपहर 2:17 तक रहेगा लाभ अमृत का चौघड़िया प्रातः 6:09 से प्रातः 9:18 तक रहेगा I शुभ का चौघड़िया प्रातः 10:52 से दोपहर 12:27 तक रहेगा I चर और लाभ का चौघड़िया दोपहर 3:36 से सायं 6:45 तक रहेगा यही पूजन का श्रेष्ठ समय है |
कैसे करें गणपति जी की पूजा
मिलेगा विशेष फल भगवान गणेश जी रिद्धि सिद्धि के दाता है वह शुभ लाभ के स्वामी है इनका प्रिय नैवेद्य मोदक है और दूर्वा और गुड़ इनको विशेष है गणेश चतुर्थी के दिन भगवान भगवान गणेश जी को मोदक का भोग लगाकर गुड़धानी का भोग लगाएं दूर्वा और लाल गुलाब का पुष्प चढ़ाएं इस दिन घर के गणेश जी का संकटनाशक गणेश स्त्रोत से अभिषेक करें नवीन पोशाक धारण करवाएं भगवान गणेश जी को सिंदूर चढ़ाकर सुख समृद्धि की कामना करें गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन का निषेध बताया गया है शास्त्रों में मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि में चंद्र दर्शन करना अच्छा नहीं रहता है इसमें झूठा कलंक लगने की आशंका रहती है
प्रथम पूज्य गजानंद भगवान गणेश जी की पूजन विधि :-
Bhagwan Ganesh Vedaik Pujan Vidhi
हाथ में अक्षत , पुष्प लेकर भगवान गणेश जी का ध्यान करे
भगवान गणेश का ध्यान करते हुए यह मन्त्र बोले –
गजाननं भुतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारूभक्षणम |
उमासुतं शौकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम ||
भगवान गणेश जी का आवाहन –
भगवान गणेश जी के आवाहन अर्थात भगवान को पूजा में बुलाना
ॐ गणानां तवा गणपति –“ हवामहे त्रियाणा तवा प्रियपति “ – हवामहे निधीनां तवा निधिपति –“ हवामहे वसो मम | आहमजानि गर्भधमात्वम जासि गर्भधम || { यजुर्वेद २३ |११ }
ॐ भूभुर्व: स्व: सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नम:
गणपतिमावाहयामी , स्थापयामि , पूजयामि च |
हाथ के अक्षत , पुष्प गणेश जी भगवान को अर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
सुप्रतिष्ठो वरदो भव ||
आसन समर्पण –
हाथ में अक्षत , पुष्प लेकर भगवान गणेश को आसन प्रदान करे
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
आसन समर्पयामि ||
हाथ के अक्षत समर्पित करे |
चरण प्रक्षालन
आसन समर्पण के पश्चात निम्नलिखित मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश के चरण धोने हेतु जल समर्पित करे |
ॐ देवस्य त्वा सवितु: प्रसवेअशिवनोंबार्हुभ्यां पूष्णो हस्ताभ्याम || { यजु० १ | १० }
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पादयो: पाद्यम समर्पयामि ||
अर्ध्य समर्पण
निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान को दूध मिश्रित जल समर्पित करे |
ॐ पय: पृथ्वयां पय ओषधिषु पयो दिव्यंन्तरिक्षे पयो धा: |
पयस्तवी: प्रदिश: सन्तु: मह्यम् || यजु ० १८ | ३६ }
आचमन समर्पयामि –
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मुखे आचमनियं जलं समर्पयामि ||
पंचामृत स्नानम् –
जल से स्नान के पश्चात मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश जी को पंचामृत से स्नान करवाये |
पंचामृतं मयानीतं पयो दधि घृतं मधु |
शर्करया समायुक्तं स्नानार्थ प्रतिगृहंताम ||
दुग्ध स्नान –
पंचामृत स्नान के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुये भगवान गणेश को दुग्ध स्नान करवाए
ॐ पय: पृथ्वयां पय ओषधिषु पयो दिव्यंन्तरिक्षे पयो धा: |
पयस्तवी: प्रदिश: सन्तु: मह्यम् || यजु ० १८ | ३६ }
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पय: स्नानं समर्पयामि ||
दधि स्नान –
दुग्ध स्नान के बाद निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान गणेशजी को दधि स्नान करवाए |
ॐ दधिक्रावर्णों आकारिवं जिष्णोर्श्वव्स्य वाजिन: |
सुरभि नो मुखा करत्पर्ण आयु रे षी तारिषत् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
दधिस्नानं समर्पयामि ||
घृत स्नानं –
दधि स्नान के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को घृत [ घी ] से स्नान करवाए |
नवनीतसमुत्पन्न सर्वसंतोषकारकम् |
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थ प्रतिगृहमताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
घृतस्नानं समर्पयामि ||
मधु स्नान –
घृत स्नानं के बाद भगवान गणेश को निम्न मन्त्र पढ़ते हुए मधु स्नान करवाये |
पुष्परेणसमुद्धुतं सुस्वादु मधुरं मधु |
तेज: पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थ प्रतिगृहयताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मधुस्नानं समर्पयामि ||
शर्करास्नान –
मधु स्नान के बाद भगवान गणेश को निम्न मन्त्र बोलते हुए शर्करा स्नान करवाये |
इक्षुरससमुद्धुतां शर्करा पुष्टिदां शुभाम् |
मलापहारिकां दिव्यां स्नानार्थ प्रतिगृहयताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
शर्करास्नानं समर्पयामि ||
पंचामृत स्नानम् –
जल से स्नान के पश्चात मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश जी को पंचामृत से स्नान करवाये |
पंचामृतं मयानीतं पयो दधि घृतं मधु |
शर्करया समायुक्तं स्नानार्थ प्रतिगृहंताम ||
शुद्ध जल स्नान
स्नान [ शुद्ध जल से स्नान कराये ] निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान गणेश को शुद्ध जल से स्नान करवाए |
गंगा यमुना चैव गोदावरी सरस्वती |
नर्मदा सिन्धु: कावेरी स्नानार्थ प्रतिगृह्य्ताम ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि ||
आचमन समर्पयामि –
शद्धोद्क स्नान के बाद आचमन के लिए जल समर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मुखे आचमनियं जलं समर्पयामि ||
वस्त्रसमर्पयामि –
आचमन के बाद भगवान गणेश को वस्त्र समर्पित करे |
शीतवातोषणसन्त्राण लज्जाया रक्षणे परम् |
देहालकरण वस्त्रमत: शान्तिं प्रयच्छ में ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
वस्त्रं समर्पयामि ||
आचमन –
वस्त्र समर्पित करने के बाद आचमन के लिए भगवान गणेश को जल समर्पित करे |
उपवस्त्र समर्पयामि –
आचमन के बाद निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान गणेश को उपवस्त्र समर्पित करे |
यस्याभावेन शास्त्रोक्तं कर्म किन्चिन सिध्यति |
उपवस्त्रं प्रयच्छामि सर्वकर्मोकारकम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
उपवस्त्रं रक्तसूत्रम् समर्पयामि ||
आचमन –
उपवस्त्र के बाद आचमन के लिए जल समर्पित करे |
यज्ञोपवीत समर्पयामि –
आचमन के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को यज्ञोपवीत
समर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
यज्ञोपवीतं समर्पयामि ||
चन्दन समर्पित –
यज्ञोपवीत समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुए भगवान गणेश को चन्दन समर्पित करे |
श्रीखण्ड चन्दनं दिव्यं गंधावयं सुमनोहरम् |
विलेपनं सुरश्रेष्ठ ! चन्दनं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
चन्दनानुलेपनं समर्पयामि ||
अक्षत समर्पित –
चन्दन समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुए भगवान गणेश को अक्षत अर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
अक्षतान समर्पयामि ||
पुष्पमाला समर्पित
– अक्षत समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुये भगवान गणेश को पुष्प समर्पित करे |
माल्यादिनि सुगंधिनि मालत्यादीनी वे प्रभो |
मवाह्तानी पुष्पाणी पूजार्थ प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पुष्पमालां समर्पयामि ||
दूर्वा समर्पित
– पुष्पमाला समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को दूर्वा समर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
दूर्वा समर्पयामि ||
सिंदूर समर्पयामि –
दूर्वा समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुए भगवान गणेश को सिंदूर समर्पित करे |
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धम् |
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
सिन्दूरं समर्पयामि ||
सुगन्धित द्रव्य समर्पित
– सिंदूर समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को सुगन्धित द्रव्य समर्पित करे |
अबीरं च गुलाल च हरिद्रादि समन्वितम् |
नाना परिमलं द्रव्यं गृहाण परमेश्वर ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
सुगन्धितद्रव्यं समर्पयामि ||
धुप समर्पयामि
– सुगन्धित द्रव्य के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को धुप दिखाए |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
धुपं दर्शयामि ||
दीप दर्शयामि
– धुप दिखाने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को दीप दिखाये |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
दीपं दर्शयामि ||
हस्तप्रक्षालन
– ॐ हरिकेशाय नम: कहकर हाथ धो ले |
नेवैध्य समर्पित –
नेवैध्य [ भोग ] को निवेदित कर जल का घेरा बनाकर भगवान के समक्ष रखे |
शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च |
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नेवैध्यं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
नेवैध्यं निवेदयामि ||
जल समर्पित —
नेवैध्य निवेदित करने के बाद जल समर्पित करे |
ऋतूफल समर्पित –
जल समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को ऋतुफल अर्पित करे |
इदं फलं मया देव स्थापितं पुरतस्तव |
तेन में सफलावापितर्भवेज्न्न्मनि जन्मनि ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
ऋतूफलानि समर्पयामि ||
आचमन
– ऋतूफल के बाद आचमन के लिए जल समर्पित करे |
ताम्बूल [ पान ] समर्पित –
आचमन के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुये भगवान गणेश को इलायची , लौंग , सुपारी के साथ ताम्बुल अर्पित करे |
पूगीफलं महदिव्यं नागवल्लीदलेर्युतम् |
एलादीचूर्णसंयुक्तं ताम्बुलं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मुखवासार्थम् एलालवंगपूगीफलसहितं ताम्बूलं समर्पयामि |
दक्षिणा समर्पित –
ताम्बुल समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को द्रव्य दक्षिणा समर्पित करे |
हिरण्यगर्भगर्भस्थं हेमबीजं विभावसो: |
अनन्तपूण्यफलदमत: शान्तिं प्रयच्छ में ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
कृतया: पुजाया: सा दुर्णयार्थे द्रव्यदक्षिणा समर्पयामि |
भगवान गणेश जी की आरती करे –
द्रव्य दक्षिणा समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश की कपूर से आरती करे आरती करने के बाद जल गिरा दे |
कदलीगर्भसम्भूतं कर्पुरं तु प्रदीपितम् |
आरार्तिकमहं कुर्वे पश्य में वरदो भव ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
आरार्तिक समर्पयामि |
पुष्पांजली समर्पित –
भगवान गणेश की आरती करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए पुष्पांजली अर्पित करे |
नानासुगन्धिपुष्पाणी यथाकालोद्धवानी च |
पुष्पांजलीर्म्या दत्तो गृहाण परमेश्वर ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पुष्पांजलीं समर्पयामि |
प्रदक्षिणा समर्पित –
पुष्पांजली अर्पित करने के बाद भगवान गणेश को निम्न मन्त्र पढ़ते हुए प्रदक्षिणा करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
प्रदक्षिणा समर्पयामि |
विशेषार्ध्य –
प्रदक्षिणा करने के बाद भगवान गणेश की निम्न मन्त्र पढ़ते हुए विशेषार्ध्य दे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
विशेषार्ध्य समर्पयामि |
भगवान गणेश का ध्यान करते हुए प्रार्थना करे |
विघ्नेश्वराय वरदाय सुप्रियाय
लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय |
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय |
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते |
भक्तार्तीनाशनपराय गणेश्वराय |
सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय |
विद्धाधराय विकटाय च वामनाय |
भक्तप्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते |
नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम: |
नमस्ते रूद्ररुपाय करिरुपाय ते नम: |
विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारिण |
भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक |
त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेती |
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति |
विद्धाप्रदेत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति |
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव |
त्वं वैष्णवी शक्तिरन्तविर्या |
विश्वस्य बीजं परमासी माया |
सम्मोहितं देवी समस्तमेतत्त्
त्वं वे प्रसन्ना भुवि मुक्तिहेतु: |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
प्रार्थनापूर्वकं नमस्कारं समर्पयामि | भगवान गणेश को साष्टांग प्रणाम करे |
गणेशपूजने कर्म यन्नयुनमधिकं कृतम् |
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नो अस्तु सदा मम ||
ऐसा कहकर समस्त पूजा अर्चना भगवान गणेश को समर्पित कर दे भगवान गणेश को साष्टांग प्रणाम कर निम्न मन्त्र पढकर क्षमा – याचना करे |
https://hindusfestivals.com/raksha-banadhn-rakhi-bhai-bahan-ka-tayohar2020/
पूजन सामग्री
-
रोली
-
मोली
-
अक्षत
-
पंचामृत [ दूध , दही , घी , शहद ,शक्कर ]
-
पुष्प , पुष्पमाला
-
यज्ञोपवीत
-
गंध
-
शमी पत्र
-
दूर्वा
-
दीप
-
ऋतू फल
-
नेवैध्य [ लड्डू , बर्फी ]
-
ताम्बूलं
-
नारियल
-
दक्षिणा
-
गंगा जल
https://hindusfestivals.com/kajli-teej-ki-kahani-satudi-teej2020/
- अन्य व्रत त्यौहार
- ऋषि पंचमी / भाई पंचमी
- भगवान गणेश शत नामावली