
प्रथम पूज्य गजानंद भगवान गणेश जी के पूजन का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष गणेश चतुर्थी 10 सितम्बर शुक्रवार 2021 को हैं |
विशेष मुहूर्त :- चर , लाभ ,अमृत चौघडिया – प्रात 6:13 से प्रात 10 : 51 तक हैं
शुभ चौघडिया :- दोपहर 12 बजकर 44 दोपहर 1 बजकर 56 मिनट तक
अभिजित – दोपहर12 बजे से 12 बजकर 48 मिनट तक हैं |
प्रथम पूज्य गजानंद भगवान गणेश जी की पूजन विधि :-
Bhagwan Ganesh Vedaik Pujan Vidhi
हाथ में अक्षत , पुष्प लेकर भगवान गणेश जी का ध्यान करे
भगवान गणेश का ध्यान करते हुए यह मन्त्र बोले –
गजाननं भुतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारूभक्षणम |
उमासुतं शौकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम ||
भगवान गणेश जी का आवाहन –
भगवान गणेश जी के आवाहन अर्थात भगवान को पूजा में बुलाना
ॐ गणानां तवा गणपति –“ हवामहे त्रियाणा तवा प्रियपति “ – हवामहे निधीनां तवा निधिपति –“ हवामहे वसो मम | आहमजानि गर्भधमात्वम जासि गर्भधम || { यजुर्वेद २३ |११ }
ॐ भूभुर्व: स्व: सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नम:
गणपतिमावाहयामी , स्थापयामि , पूजयामि च |
हाथ के अक्षत , पुष्प गणेश जी भगवान को अर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
सुप्रतिष्ठो वरदो भव ||
आसन समर्पण –
हाथ में अक्षत , पुष्प लेकर भगवान गणेश को आसन प्रदान करे
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
आसन समर्पयामि ||
हाथ के अक्षत समर्पित करे |
चरण प्रक्षालन
आसन समर्पण के पश्चात निम्नलिखित मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश के चरण धोने हेतु जल समर्पित करे |
ॐ देवस्य त्वा सवितु: प्रसवेअशिवनोंबार्हुभ्यां पूष्णो हस्ताभ्याम || { यजु० १ | १० }
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पादयो: पाद्यम समर्पयामि ||
अर्ध्य समर्पण
निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान को दूध मिश्रित जल समर्पित करे |
ॐ पय: पृथ्वयां पय ओषधिषु पयो दिव्यंन्तरिक्षे पयो धा: |
पयस्तवी: प्रदिश: सन्तु: मह्यम् || यजु ० १८ | ३६ }
आचमन समर्पयामि –
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मुखे आचमनियं जलं समर्पयामि ||
पंचामृत स्नानम् –
जल से स्नान के पश्चात मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश जी को पंचामृत से स्नान करवाये |
पंचामृतं मयानीतं पयो दधि घृतं मधु |
शर्करया समायुक्तं स्नानार्थ प्रतिगृहंताम ||
दुग्ध स्नान –
पंचामृत स्नान के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुये भगवान गणेश को दुग्ध स्नान करवाए
ॐ पय: पृथ्वयां पय ओषधिषु पयो दिव्यंन्तरिक्षे पयो धा: |
पयस्तवी: प्रदिश: सन्तु: मह्यम् || यजु ० १८ | ३६ }
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पय: स्नानं समर्पयामि ||
दधि स्नान –
दुग्ध स्नान के बाद निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान गणेशजी को दधि स्नान करवाए |
ॐ दधिक्रावर्णों आकारिवं जिष्णोर्श्वव्स्य वाजिन: |
सुरभि नो मुखा करत्पर्ण आयु रे षी तारिषत् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
दधिस्नानं समर्पयामि ||
घृत स्नानं –
दधि स्नान के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को घृत [ घी ] से स्नान करवाए |
नवनीतसमुत्पन्न सर्वसंतोषकारकम् |
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थ प्रतिगृहमताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
घृतस्नानं समर्पयामि ||
मधु स्नान –
घृत स्नानं के बाद भगवान गणेश को निम्न मन्त्र पढ़ते हुए मधु स्नान करवाये |
पुष्परेणसमुद्धुतं सुस्वादु मधुरं मधु |
तेज: पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थ प्रतिगृहयताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मधुस्नानं समर्पयामि ||
शर्करास्नान –
मधु स्नान के बाद भगवान गणेश को निम्न मन्त्र बोलते हुए शर्करा स्नान करवाये |
इक्षुरससमुद्धुतां शर्करा पुष्टिदां शुभाम् |
मलापहारिकां दिव्यां स्नानार्थ प्रतिगृहयताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
शर्करास्नानं समर्पयामि ||
पंचामृत स्नानम् –
जल से स्नान के पश्चात मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश जी को पंचामृत से स्नान करवाये |
पंचामृतं मयानीतं पयो दधि घृतं मधु |
शर्करया समायुक्तं स्नानार्थ प्रतिगृहंताम ||
शुद्ध जल स्नान
स्नान [ शुद्ध जल से स्नान कराये ] निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान गणेश को शुद्ध जल से स्नान करवाए |
गंगा यमुना चैव गोदावरी सरस्वती |
नर्मदा सिन्धु: कावेरी स्नानार्थ प्रतिगृह्य्ताम ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि ||
आचमन समर्पयामि –
शद्धोद्क स्नान के बाद आचमन के लिए जल समर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मुखे आचमनियं जलं समर्पयामि ||
वस्त्रसमर्पयामि –
आचमन के बाद भगवान गणेश को वस्त्र समर्पित करे |
शीतवातोषणसन्त्राण लज्जाया रक्षणे परम् |
देहालकरण वस्त्रमत: शान्तिं प्रयच्छ में ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
वस्त्रं समर्पयामि ||
आचमन –
वस्त्र समर्पित करने के बाद आचमन के लिए भगवान गणेश को जल समर्पित करे |
उपवस्त्र समर्पयामि –
आचमन के बाद निम्न मन्त्र को पढ़ते हुए भगवान गणेश को उपवस्त्र समर्पित करे |
यस्याभावेन शास्त्रोक्तं कर्म किन्चिन सिध्यति |
उपवस्त्रं प्रयच्छामि सर्वकर्मोकारकम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
उपवस्त्रं रक्तसूत्रम् समर्पयामि ||
आचमन –
उपवस्त्र के बाद आचमन के लिए जल समर्पित करे |
यज्ञोपवीत समर्पयामि –
आचमन के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को यज्ञोपवीत
समर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
यज्ञोपवीतं समर्पयामि ||
चन्दन समर्पित –
यज्ञोपवीत समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुए भगवान गणेश को चन्दन समर्पित करे |
श्रीखण्ड चन्दनं दिव्यं गंधावयं सुमनोहरम् |
विलेपनं सुरश्रेष्ठ ! चन्दनं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
चन्दनानुलेपनं समर्पयामि ||
अक्षत समर्पित –
चन्दन समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुए भगवान गणेश को अक्षत अर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
अक्षतान समर्पयामि ||
पुष्पमाला समर्पित
– अक्षत समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुये भगवान गणेश को पुष्प समर्पित करे |
माल्यादिनि सुगंधिनि मालत्यादीनी वे प्रभो |
मवाह्तानी पुष्पाणी पूजार्थ प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पुष्पमालां समर्पयामि ||
दूर्वा समर्पित
– पुष्पमाला समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को दूर्वा समर्पित करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
दूर्वा समर्पयामि ||
सिंदूर समर्पयामि –
दूर्वा समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र बोलते हुए भगवान गणेश को सिंदूर समर्पित करे |
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धम् |
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
सिन्दूरं समर्पयामि ||
सुगन्धित द्रव्य समर्पित
– सिंदूर समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को सुगन्धित द्रव्य समर्पित करे |
अबीरं च गुलाल च हरिद्रादि समन्वितम् |
नाना परिमलं द्रव्यं गृहाण परमेश्वर ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
सुगन्धितद्रव्यं समर्पयामि ||
धुप समर्पयामि
– सुगन्धित द्रव्य के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को धुप दिखाए |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
धुपं दर्शयामि ||
दीप दर्शयामि
– धुप दिखाने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को दीप दिखाये |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
दीपं दर्शयामि ||
हस्तप्रक्षालन
– ॐ हरिकेशाय नम: कहकर हाथ धो ले |
नेवैध्य समर्पित –
नेवैध्य [ भोग ] को निवेदित कर जल का घेरा बनाकर भगवान के समक्ष रखे |
शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च |
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नेवैध्यं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
नेवैध्यं निवेदयामि ||
जल समर्पित —
नेवैध्य निवेदित करने के बाद जल समर्पित करे |
ऋतूफल समर्पित –
जल समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को ऋतुफल अर्पित करे |
इदं फलं मया देव स्थापितं पुरतस्तव |
तेन में सफलावापितर्भवेज्न्न्मनि जन्मनि ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
ऋतूफलानि समर्पयामि ||
आचमन
– ऋतूफल के बाद आचमन के लिए जल समर्पित करे |
ताम्बूल [ पान ] समर्पित –
आचमन के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुये भगवान गणेश को इलायची , लौंग , सुपारी के साथ ताम्बुल अर्पित करे |
पूगीफलं महदिव्यं नागवल्लीदलेर्युतम् |
एलादीचूर्णसंयुक्तं ताम्बुलं प्रतिगृहताम् ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
मुखवासार्थम् एलालवंगपूगीफलसहितं ताम्बूलं समर्पयामि |
दक्षिणा समर्पित –
ताम्बुल समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश को द्रव्य दक्षिणा समर्पित करे |
हिरण्यगर्भगर्भस्थं हेमबीजं विभावसो: |
अनन्तपूण्यफलदमत: शान्तिं प्रयच्छ में ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
कृतया: पुजाया: सा दुर्णयार्थे द्रव्यदक्षिणा समर्पयामि |
भगवान गणेश जी की आरती करे –
द्रव्य दक्षिणा समर्पित करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए भगवान गणेश की कपूर से आरती करे आरती करने के बाद जल गिरा दे |
कदलीगर्भसम्भूतं कर्पुरं तु प्रदीपितम् |
आरार्तिकमहं कुर्वे पश्य में वरदो भव ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
आरार्तिक समर्पयामि |
पुष्पांजली समर्पित –
भगवान गणेश की आरती करने के बाद निम्न मन्त्र पढ़ते हुए पुष्पांजली अर्पित करे |
नानासुगन्धिपुष्पाणी यथाकालोद्धवानी च |
पुष्पांजलीर्म्या दत्तो गृहाण परमेश्वर ||
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
पुष्पांजलीं समर्पयामि |
प्रदक्षिणा समर्पित –
पुष्पांजली अर्पित करने के बाद भगवान गणेश को निम्न मन्त्र पढ़ते हुए प्रदक्षिणा करे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
प्रदक्षिणा समर्पयामि |
विशेषार्ध्य –
प्रदक्षिणा करने के बाद भगवान गणेश की निम्न मन्त्र पढ़ते हुए विशेषार्ध्य दे |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
विशेषार्ध्य समर्पयामि |
भगवान गणेश का ध्यान करते हुए प्रार्थना करे |
विघ्नेश्वराय वरदाय सुप्रियाय
लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय |
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय |
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते |
भक्तार्तीनाशनपराय गणेश्वराय |
सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय |
विद्धाधराय विकटाय च वामनाय |
भक्तप्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते |
नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम: |
नमस्ते रूद्ररुपाय करिरुपाय ते नम: |
विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारिण |
भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक |
त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेती |
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति |
विद्धाप्रदेत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति |
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव |
त्वं वैष्णवी शक्तिरन्तविर्या |
विश्वस्य बीजं परमासी माया |
सम्मोहितं देवी समस्तमेतत्त्
त्वं वे प्रसन्ना भुवि मुक्तिहेतु: |
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतये नम: |
प्रार्थनापूर्वकं नमस्कारं समर्पयामि | भगवान गणेश को साष्टांग प्रणाम करे |
गणेशपूजने कर्म यन्नयुनमधिकं कृतम् |
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नो अस्तु सदा मम ||
ऐसा कहकर समस्त पूजा अर्चना भगवान गणेश को समर्पित कर दे भगवान गणेश को साष्टांग प्रणाम कर निम्न मन्त्र पढकर क्षमा – याचना करे |
पूजन सामग्री
रोली
मोली
अक्षत
पंचामृत [ दूध , दही , घी , शहद ,शक्कर ]
पुष्प , पुष्पमाला
यज्ञोपवीत
गंध
शमी पत्र
दूर्वा
दीप
ऋतू फल
नेवैध्य [ लड्डू , बर्फी ]
ताम्बूलं
नारियल
दक्षिणा
गंगा जल
सातुडी तीज [ कजली तीज ] बड़ी तीज व्रत की चार कहानीया 2020 | Kajli Teej Vrat Ki Char Kahaniya 2020
- अन्य व्रत त्यौहार
- ऋषि पंचमी / भाई पंचमी
- भगवान गणेश शत नामावली