Ek Shloki Ramayana | एक श्लोकी रामायण – हिंदी भावार्थ सहित

एक श्लोकी रामायण – इन चार पक्तियों में समाया हुआ हैं सम्पूर्ण रामायण का सार | धर्म शास्त्रों के अनुसार रामायण का पाठ करने से पूण्य मिलता हैं और पापो का नाश होता हैं | एकश्लोकी रामायण का विधि पूर्वक नित्य पाठ करने से सम्पूर्ण रामायण पाठ के समान फल प्राप्त होता हैं | स्वयं का आत्मविश्वास बढ़ता हैं | इस मन्त्र को एकश्लोकि रामायण के नाम से जाना जाता हैं |

आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं कांचनम्
वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसम्भाषणम् |
बालीनिग्रहणम समुन्द्रतरणं लंकापूरीदाहनं
पश्रचाद्रावणकुम्भकर्णहननमेतद्धि रामायणम् ||
|| एकश्लोकी रामायणं सम्पूर्णम्  ||

 

 

भावार्थ

भगवान श्री राम वनवास गये , वहाँ उन्होंने स्वर्ण मृग का पीछा किया और उसका वध किया , लंकापति रावण ने सीता [ वैदेही ] का हरण कर किया | सीता जी कि रक्षा के लिए पक्षिराज जटायु ने अपने प्राण गवांये , भगवान श्री राम की मित्रता [ बात ] सुग्रीव से हुई बाली [ सुग्रीव का भाई ] का वध किया समुन्द्र पार किया , लंका पूरी का दहन हुआ इसके पश्चात रावण व कुंभकरण का वध किया यही पूरी रामायण का संक्षिप्त सार हैं |

इस एक श्लोकी रामायण में मुख्य मुख्य घटनाये शामिल हैं | इस एक श्लोकी रामायण का नित्य पाठ करना मंगलकारी हैं | इस एकश्लोकी रामायण का पाठ भक्तगण अपनी श्रद्धा के अनुसार 11 , 21 , 108 बार तक कर सकते हैं | इस एकश्लोकी रामायण के पाठ से सम्पूर्ण रामायण पाठ के समान फल प्राप्त होता हैं |

|| जय श्री राम ||     || जय श्री राम ||    || जय श्री राम ||

 

 

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