मृत्यु हो जाने पर शिशु का क्या करना चाहिए | गरुड पुराण के अनुसार शिशु का मरने के बाद जलाना चाहिए या गाढ़ना

 

 मृत्यु हो जाने पर शिशु का क्या करना चाहिए | गरुड पुराण के अनुसार शिशु का मरने के बाद जलाना चाहिए या गाढ़ना

यदि गर्भ की पूर्णता हो जाने के अनन्तर नारी की म्रत्यु हो गई हो तो उसके पेट को चीरकर बालक को निकाल ले, यदि वह भी मर गया हो तो उसे भूमि में गाड़कर केवल मृत स्त्री का दाह करें। गंगा के किनारे मरे हुए बालक को गंगाजी में ही प्रवाहित कर दे और अन्य स्थान पर मरे सत्ताईस महीने तक के बालक को भूमि में गाड़ दें। इसके बाद की अवस्था वाले बालक का दाह संस्कार करे और उसकी अस्थियाँ गंगा जी में विसर्जित करें तथा जलपूर्ण कुम्भ प्रदान करें तथा केवल बालकों को ही भोजन कराएँ।

 

 

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