झुलेलाल मंदिर पुष्कर अजमेर
Jhulelal Mandir Pushkar Ajmer
झुलेलाल मंदिर:- मछली पर बैठे वरुण देव की प्रतिमा स्थापित है प्रतिमा सरोवर के तट पर स्थित हैं झूलेलाल मंदिरकी पूजा अर्चना उन्हीं के वंशज करते हैं मंदिर में सदैव अखण्ड ज्योति जली रहती हैं |
अजमेर जिले के पुष्कर में पवित्र सरोवर के तट पर स्थित है झूलेलाल मंदिर। इस मंदिर का निर्माण झूलेलाल के वंशजों ने ही कराया है। पुष्कर सरोवर के जिस घाट पर मंदिरबना हुआ हैं उस घाट को झूलेलाल घाट के नाम से जानते हैं । झुलेलाल मंदिर की मूर्ति गुफा में हैं वही मूर्ति के समक्ष अखण्ड ज्योत प्रज्ज्वलित हो रही है। झूलेलाल भगवान का जन्म धर्म की रक्षा के लिए विक्रम संवत् 1007 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को सिंध के ग्राम नसरपुर के संत रतनराय की धर्मपत्नी देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुए | झुलेलाल जी ने मात्र 13 साल की उम्र में अपने भाई पुगरदेव को अपनी गद्दी का वारिस घोषित कर स्वयं जल समाधि ली। पुष्कर स्थित झूलेलाल मंदिर में झूलेलाल की मछली पर बैठे वरुण देव के रूप में आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर के एक हिस्से में झूलेलाल के भाई पगुर देव से लेकर 26वीं पीढ़ी के ठकुर अश्वनी लेखराज तक की वंशावली भी वट वृक्ष के रुप में दर्शायी गई है।
यहा आने वाले भक्तो की समस्त मनोकामनाए पूर्ण हो जाती हैं | मन शांत होता हैं | मानसिक विकार दूर होते हैं | अखण्ड ज्योति के दर्शन कर ने वरुणदेव की पूजा अर्चना करने से सभी शारीरिक मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती हैं |
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