विवाह में फेरों के समय गठजोड़ में पांच चीजे बाँधने का महत्त्व  

हिन्दू विवाह में वर एवं कन्या का फे रों के समय वर-वधू का गठबंधन किया जाता है। इस रिवाज  में वधू की बहन या बुआ [ या कोई भी बहन बेटी ]  वधू की साड़ी के दाएं पल्ले के अंतिम छोर में पांच वस्तु रखती है जिसमें पुष्प, दूर्वा, हरिद्रा, धन और अक्षत रख कर वर वधु का गठजोड़ बांधती  हैं। इन चीजों को रखने का विशेष महत्त्व होता है।

धन रखने का मुख्य कारण यह होता  है कि विवाह के पश्चात धन पर किसी एक का अधिकार नहीं रहेगा पति पत्नी दोनों का समान अधिकार होगा दोनों पति पत्नी विचार करके ही योजना एवं व्यवस्था बनायेगे   ।

पल्ले में दूर्वा रखने का अर्थ ——- पति पत्नी  दोनों की बीच प्रेम का रिश्ता ऐसा होगा, जो कभी निर्जीव नहीं होगा दूर्वा के समान सदैव हरा [ खुशहाल ] होगा ।

हरिद्रा रखने का अर्थ ——–   पति-पत्नी एक-दूसरे को  शारीरिक, मानसिक व आत्मिक बल  को सुविकसित करने के साथ साथ एक दुसरे की खुशियों को बढाने  का  प्रयत्न  निरंतर जीवन भर करते रहेंगे ।

अक्षत रखने  के पीछे का मुख्य कारण ——— सामूहिक और सामाजिक उत्तरदायित्वों का पालन मिलकर करेंगे |

पुष्प रखने का अर्थ है   ——-    पति पत्नी पुरे परिवार के सुख दुःख का ध्यान रखते हुए परिवार सहित  हंसते-खेलते अपने जीवन का निर्वाह करे । दोनों एक-दूसरे की कीर्ति समाज में फैलाये  और मान सम्मान को बढाते हुए जीवन यापन करे ।

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