आओ गजानन्द , बैठो गजानन्द ब्याह में ,
कारज सिद्ध कर करों गणदेवा , नवल बना र ब्याह म ,
सिरदार बना र ब्याह म |
सबसे पहले बनडा का दादाजी , गणपति देव मनावे हैं ,
लड्डू और रुपया से गणपति , थारो थाल सजावे हैं ,
बांध घुघरा आवो विनायक , बाज रही शहनाई रे ,
कारज सिद्ध …………………………….
काका भैया और भतीजा , थारा ही गुण गान करे ,
केशरिया धोती और दुपटा , थारे आगे भेट धरे ,
पहन ओढ़ रंग लावों , विनायक ब्याह म ,
कारज सिद्ध ………………………………
ढोल मंजीरा और गजानन्द , बाज रही शहनाई रे ,
दशरथ जी रा परिवार म ,खुशिया मन म छाई हैं ,
ताऊ – ताई फूल रह्या हैं नवल बना र ब्याह म ,
कारज सिद्ध ………………………………….