सुखी जीवन जीने के लिए क्या करे क्या नहीं करे .

सुखी जीवन अपनाये – शांति , समृद्धि और खुशहाली……..

जीवन में ये गुण अपनाये – शांति , समृद्धि और खुशहाली सुखी रहने के आसन उपाय अपनाए और सदैव खुश रहे

करुणा,ईमानदारी,क्षमाशीलता,विनम्रता,मधुरवाणी,शांतचित गुणों को अपनाकर बनाये अपना जीवन सुखमय एव शांतमय  शांति समृद्धि खुशहाली  ….

वर्तमान में मनुष्य का जीवन अत्यंत भागदौड भरा हो गया हैं हर समय मनुष्य तनावपूर्ण जीवन जी रहा हैं | क्यों की मनुष्य अत्यंत व्यस्त हो गया हैं |सुखी जीवन अपनाये – शांति , समृद्धि और खुशहाली

 सदैव सुखी प्रसन्न रहने के लिए जीवन में अपनाये ये गुण –शांति , समृद्धि और खुशहाली 

प्रत्येक मनुष्य की इच्छा हैं की कष्ट , दुःख , शौक , क्लेश मुक्त जीवन हो धनधान्य , सुख सम्पति , आरामदायक , शांतिपूर्ण जीवन आनन्द से भरपूर हो | ऐसे जीवन के लिए व्यक्ति को जीवन में सदाचारी जीवन को अपनाये |सुखी जीवन अपनाये – शांति , समृद्धि और खुशहाली

सुख क्या हैं ….. मन की अनुभूति

सुख एक अनुभूति हैं इसमें आनन्द , प्रसन्नता , अनुकूलता , शांति ,ठहराव की अनुभूति होती हैं |

करुणा – किसी अन्य की पीड़ा को महसूस करना व उसकी सहायता के लिए हर सम्भव प्रयास करना ही करुणा हैं स्नेहपूर्वक किया गया उपकार ही करुणा हैं |

सुखी जीवन जीने के लिए करने योग्य कार्य …….शांति , समृद्धि और खुशहाली 

मन को शां त रखे |

आलस्य का परित्याग करे | आलस्य मनुष्य का शत्रु हैं | आलस्य को अपने जीवन में कोई स्थान नहीं दे |

मन में करुणा ,दया , सहनशीलता , निडरता , ईमानदारी , मधुरता , आपसी सामंजस्य , क्षमाशीलता , विनम्रता को अपनाकर जीवन को सुखी और समृद्ध बनाया जा सकता हैं |

शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अत्यंत आवश्क हैं क्यों की स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग व मन निवास करते हैं |

यदि मनुष्य को प्रसन्न रहना हैं तो उसे उसके जीवन की कुछ बुरी आदतों का त्याग करना एव कुछ अच्छी आदतों को अपनाना होगा |

मन की भावना पवित्र होनी चाहिए |

खानपान सात्विक होना चाहिए |

सदैव खुश रहने के लिए चित को शांत रखे एवं मेहनत करे |

सुखी रहने के लिए जीवन में एक बार श्री मद्भगवद गीता का अर्थ सहित पाठ अवश्य करे इससे आपको जीवन जीने की नई व आसन राह मिलेगी |

सुखी होने के संसार में दो ही तरीके हैं | एक ज्ञान और दूसरा भक्ति का इसलिय सदैव  

उन्नति के पथ पर अग्रसर होंगे |  जीवन सुख व दुःख से ही मिलकर बना हैं जीवन अत: दुःख में धेर्य से एव सुख में विश्वास से जीवन की राह बनाये |

सदैव प्रयासरत रहना ही जीवन हैं |

अपनी रूचि के कार्य करे |

मन्त्र जप करे | शिवजी की आराधना करे |

 अपने आराध्य इष्टदेव का मन ही मन ध्यान करे |

अपने विचार सकारात्मक रखे |

यदि शांति , समृद्धि और खुशहाली युक्त सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो भूल कर भी नही करे यह कृत्य …….

मन को अशांत नहीं होने दे |

तामसिक भोजन कदापि नहीं करे |

अपने आराध्य से कभी रुष्ठ न हो |

नकारात्मक विचारो को अपने मन में स्थान ना दे |

पराई निंदा नहीं करे |

किसी से अनावश्यक बहस नहीं करे |

अपने से बडो का कभी अनादर नहीं करे |

अपने स्नेहशील गुण को कम ना होने दे |

आलस्य को जीवन में कदापि स्थान नही देवे |

स्वयं में “ मैं “ का भाव ना आने दे |

teg – सुखी रहने के आसान उपाय  

शांति , समृद्धि और खुशहाली वाला जीवन

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