गणेश जी भगवान की सब मनोकामनाए पूर्ण करने वाली कहानी |ganesh ji bhagwan ki kahani

Vinayak Ji Ki Vandana Kese Karen

गणेश जी भगवान की सब मनोकामनाए पूर्ण करने वाली कहानी

एक बार गणेशजी भगवान रिद्धि सिद्धि को संग में लेकर संसार में भ्रमण करने निकले |जब वे जा रहे थे  तो उन्देहोंने देखा की एक पाच साल की छोटी सी कन्या गणेश मन्दिर में गणेशजी भगवान का पूजन क्र रही |

और रो रो कर अपने लिए भाई माग रही तब रिद्धि सिद्धि ने कहा की हे स्वामी अब तो आपको इस कन्या का दुःख दूर करना पड़ेगा | तब गणेशजी भगवान ने कहा इसके भाग्य में भाई नहीं लिखा हैं | यदि यह कन्या रिद्धि सिद्धि सहित आठ दिन भक्ति भाव से पूजन करे तो निश्चय ही इसको अपार स्नेह करने वाला दयालु व् गुणवान भाई होगा |

तब रिद्धि सिद्धि ने साधारण नारी का रूप लेकर उस कन्या को गणेश जी भगवान का आठ दिन तक  पूजन व्रत करने को कहा – तब उस कन्या ने बुधवार से बुधवार तक गणेश जी भगवान के नाम का स्मरण व्रत पूजन किया | व्रत के पुन्य फल से कन्या के भाई हो गया | दोनों भाई बहन स्नेह से रहने लगे | हे गणेश जी भगवान जैसे भाई का  सुख उस उस कन्या को दिया वैसे सभी बहनों को भाई का सुख देना |

जय बोलो गणेश जी भगवान की जय |

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