होली पर होलाष्टक में वर्जित शुभ कार्य | एकादशी तिथि

होलाष्टक सोमवार 27 फरवरी  से शुरू हो रहे हैं जो  7 मार्च तक रहेंगे। होलाष्टकके इन दिनों के  दौरान शुभ मांगलिक कार्य वर्जित होंगे । प्रत्येक वर्ष  सामान्यतया 8 दिन ही होलाष्टक रहते हैं लेकिन इस बार 2 दिन एकादशी तिथि होने के कारण  9 दिन होलाष्टक होंगे। इस वर्ष एकादशी तिथि 2 मार्च 202 गुरूवार को दिनभर व 3 मार्च 2023 शुक्वार को प्रातः 9बजकर 12 मिनट तक रहेगी। होलाष्टक में 9 दिन  सभी शुभ कार्य वर्जित रहेंगे |इन 9 दिनो  में शुभ मांगलिक कार्य नहीं होंगे | मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुडन, उपनयन संस्कार, गृह – प्रवेश आदि पर प्रतिबंध लग जाता है। साथ ही सोलह संस्कारों में से अंतिम संस्कार छोड़ कर, कुछ नहीं किया जाता है । ज्योतिष शास्त्र में यह माना गया है कि होलाष्टक की अवधि में ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है जिस वजह से इनके दुष्प्रभाव की सम्भावना होती है । इसलिए इस अवधि में अधिक से अधिक भगवान के नाम का स्मरण, पूजा- अर्चाना एवं हवन आदि को शुभ और महत्वपूर्ण बताया गया है ।

भगवान विष्णु की पूजाअर्चना करना शुभ माना जाता हैं इन होलाष्टक के दिनों में विष्णु   सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए उत्तम फल प्रदान मिलता हैं |

ज्योतिषाचार्य श्री विष्णु पुरोहित जी ने  बताया कि सोमवार शाम 4बजकर 46 मिनट से  बुधग्रह अपनी मित्र राशि कुम्भ में प्रवेश करेंगे यह यहां 16 मार्च तक विराजमान रहेंगे  |

होलाष्टक के दिनों में ग्रहों की प्रबलता इसप्रकार रहेगी –

अष्टमी तिथि को चंद्रमा

नवमी को सूर्य

दशमी को शनि

एकादशी को शुक्र

द्वादशी को गुरु

त्रयोदशी को बुध

चतुर्दशी को मंगल

पूर्णिमा को राहु

शास्त्रानुसार ग्रहों की इन अवस्थाओं में सभी मांगलिक कार्य नहीं होंगे  । इन 9 दिनों में मन की शांति पाने के लिए सभी कष्टों से  छुटकारा पाने के लिए भगवान विष्णु कीविधवत  पूजाऔर श्री  विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

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