बिल्वपत्र तोड़नेका मन्त्र

अमृतोद्भव श्रीवृक्ष महादेवप्रियः सदा ।
गृह्णामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात् ॥

बिल्वपत्र तोड़नेका निषिद्ध काल- -चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावास्या तिथियोंको, संक्रान्तिके समय और सोमवारको बिल्वपत्र नहीं  तोड़े’, किंतु बिल्वपत्र भगवान  शंकरजीको बहुत प्रिय है, अतः निषिद्ध समयमें पहले दिनका रखा बिल्वपत्र चढ़ाना चाहिये।

शास्त्रने तो यहाँतक कहा है कि यदि नूतन बिल्वपत्र न मिल सके तो चढ़ाये हुए बिल्वपत्रको ही धोकर बार-बार चढ़ाता रहे।

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