ब्रह्म मुहूर्त में उठने के चमत्कारिक लाभ

advantages of brahama muhurta
सूर्योदय के पहले चार घड़ी तक लगभग डेढ़ घंटा पूर्व ब्रह्म मुहूर्त का समय माना जाता है उस समय पूर्व दिशा में स्थित इसमें थोड़ी थोड़ी लालिमा दिखाई देती है तथा कुछ नक्षत्र भी आकाश में दिखाई देते हैं इस समय को अमृतवेला के नाम से जाना जाता है यही जागरण का शुभ तथा उचित समय है|
भगवान ने ऐसा ही नियम पशु पक्षी आदि संसार के समस्त प्राणी प्रातः ही जगकर  इस अमृतवेला के वास्तविक आनंद का अनुभव करते हैं ऐसी दशा में यदि विश्व का सबसे प्राणी मानव आलस्य वंश सोता हुआ प्रकृति के इस अनमोल उपहार की अवहेलना कर दे तो वह उस परमपिता परमेश्वर के द्वारा बनाई हुई सृष्टि के इस अनुपम सुंदरता के दर्शन से वंचित रह जाएगा |
मानव और प्रकृति का अनूठा संबंध है |
 मानव का प्रकृति के नियमों के साथ समन्वय बनाए रखना अति आवश्यक है |मानव को स्वस्थ रहने के लिए प्रातः काल उठना सबसे पहला नियम बनाना चाहिए|

 

 

 यदि हम देखेंगे कि जितने भी महापुरुष हुए हैं वह सब प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में ही उठा करते थे वे स्वस्थ तथा सभी के आदर्श थे |
जब हम सुबह उठते हैं तो पलंग से उठकर पृथ्वी पर पैर रखने से पहले ही हमें पृथ्वी माता का अभिवादन करना चाहिए और उन पर पैर रखने की व्यथा के लिए उनसे क्षमा मांगते हुए इस श्लोक का पाठ करना चाहिए
 समुद्रवसने देवी पर्वतस्तन मंडीते ,
 विष्णुपत्नी नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व मे |
अर्थात समुंद्र रूपी वस्त्रों को धारण करने वाले पर्वत रूप स्तनों से मंडित भगवान विष्णु की पत्नी है पृथ्वी देवी आप मेरे चरण स्पर्श को क्षमा करें
इसके पश्चात प्रातकाल भूमि वंदना करने के बाद आप अपने इष्ट देव को प्रणाम करें और उनका मन ही मन गुणगान करें |ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने मन में ईश्वर का ध्यान करना चाहिए,और मन ही मन यह संकल्प करना चाहिए कि दिनभर समस्त कार्य धर्म पूर्वक करेंगे

स्वयं सुखी रहेंगे तथा परोपकार करेंगे|
 प्रातः काल उठते ही हाथों के दर्शन शुभ माने गए हैं
कराग्रे वस्ते लक्ष्मी , कर मध्य सरस्वती |

कर मूले स्थिततो ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम् ||
इसका अभिप्राय यह है कि हाथों के अग्रभाग में मां लक्ष्मी मध्य में देवी सरस्वती और मूल भाग में ब्रह्माजी जी निवास करते हैं अतः प्रातः उठते ही हाथों का दर्शन शुभ है|
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से स्मरण शक्ति तेज होती है|
 ब्रह्म मुहूर्त में उठने से आयु वृद्धि होती है |
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से आंखों की रोशनी बढ़ती है|
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर निरोग स्वस्थ तथा बुढ़ापा दूर रहता है |
ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति तथा व्यायाम करने वाला व्यक्ति कभी भी रोगी नहीं होता है|
 जीवन शक्ति का आधार तेज है और तेज ब्रह्म मुहूर्त में उठने तथा अपने इष्टदेव का ध्यान करने से मिलता है |
 प्रातः काल की सूर्य किरणों में बीमारियों का नाश करने के अद्भुत शक्ति होती है|

 प्रातः काल की सूर्य किरणों में बीमारियों का नाश करने के अद्भुत शक्ति होती है|
 स्वस्थ रहने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों को प्रातः काल भगवान सूर्य की शरण में अवश्य ही रहना चाहिए|
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति निरोग दीर्घ जीवी और सुंदर होता है|
ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले व्यक्तियों को कभी भी आलस्य नहीं आता है|

 ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शारीरिक विकास होता है शरीर के अंगों के थकावट नष्ट हो जाती है मन में चंचलता आती है शारीरिक सौंदर्य की वृद्धि होती है और मुख की क्रांति में निखार आता है|

 ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर में स्फूर्ति रहती है कार्य करने की शक्ति बढ़ती है
जीवन में प्रसन्नता स्वास्थ्य एवं सौंदर्य के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना नितांत आवश्यक है |

सूर्योदय के समय से पहले 8 घूट जल पीने वाला मनुष्य रोग और वृद्धावस्था से मुक्त होकर 100 वर्ष से भी अधिक जीवित रहता है कुवे का ताजा जल अथवा ताम्र पात्र में रखा हुआ जल पीने से अधिक लाभ होता है|

 ब्रह्म मुहूर्त में प्रातकाल उठकर व्यायाम करने और घूमने जाने से मनुष्य बुद्धिमान और बलवान बनता है नेत्र और कानों से सुनने की शक्ति बढ़ती है तथा शांति मिलती है प्रातः कालीन समय वायु सेवन करने से मन प्रसन्न और प्रफुल्लित रहता है साथ ही असीम आनंद की प्राप्ति होती है|

 ब्रह्म मुहूर्त में उठने के लिए हमें अभ्यास की आवश्यकता है स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सूर्योदय से पूर्व उठकर दैनिक कार्यों में लग जाना सही माना जाता है हमारे शरीर में एक * यह भी है कि आप जिस तरह से अभ्यास करेंगे उसी तरह से वह अपना दायित्व निभाएगा

 

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