काहे का तेरा गाड़ी रे गडुलना

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तेजाजी का गीत कुल म दोय फुलड़ा बडाजी, एक सूरज दूजो चांद जी। कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी। सुरजरी किरण्या तपजी, चंदारी निर्मल रात जी। कासब जीरा तेजाजी थे बडाजी।…

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