सावित्री माता मंदिर दर्शन 

राजस्थान के अजमेर पुष्करराज  तीर्थराज पुष्कर में ब्रह्माजी की पत्नी सावित्री माता का भी मंदिर है। सावित्री माता मंदिर  एक हजार मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर का जीर्णोद्धार 16वीं सदी में मारवाड़ के महाराजा अजीत सिंह ने कराया था। पुष्कर महात्म्य के अनुसार पुष्कर में ब्रह्माजी ने अपनी धर्मपत्नी देवी सावित्री के स्थान पर देवी  गायत्री को साथ में बैठा कर यज्ञ किया था।

 

इससे देवी सावित्री कुपित हो गईं और वह यज्ञ में मौजूद सभी देवी-देवताओं व ब्रह्मा जी को श्राप देकर एक हजार मीटर ऊंची रत्न गिरी पहाड़ी पर विराजमान हो गई। मंदिर के गर्भगृह में सावित्री माता अपनी पुत्री सरस्वती के साथ विराजमान हैं। सावित्रि माता को पश्चिम बंगाल के लोग कुलदेवी के रूप में भी पूजते है।

 

यहां खास बात यह है कि आमतौर पर लगभग सभी देवी देवताओं के मंदिर जोड़े सहित होते हैं परन्तु  यहां  पुष्कर में पति-पत्नी यानी ब्रह्माजी व सावित्री माता के मंदिर अलग-अलग हैं।

आयोजन मंदिर में प्रतिदीन  पूजन अर्चन आरती के अलावा भाद्रपद मास की सप्तमी को जागरण होता है तथा दूसरे दिन अष्टमी को मेला भरता है। ऐसी मान्यता हैं की सप्तमी व अष्टमी को जो सुहागिन महिलाये दर्शन, परिक्रमा  करती हैं वह सदैव सौभाग्यवती रहती हैं | माँ सावित्री अखण्ड सौभाग्य का वरदान देती हैं |

कैसे पहुंचें अजमेर से पुष्कर 

 How to Reach Savitri Mata Temple Pushkar Rajasthan In Hindi.

किशनगढ़ एयरपोर्ट सावित्री माता मंदिर का नजदीकी एयरपोर्ट है, जहां से बस और ट्रेन द्वारा सावित्री माता मंदिर के पहाड़ी के नीचे तक पहुंचा जा सकता है और वहां से पैदल या रोपवे द्वारा सावित्री माता मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन अजमेर है, जहां पर देश के प्रमुख शहरों से ट्रेन द्वारा पहुंचा जा सकता है। अजमेर रेलवे स्टेशन से पुष्कर शहर जाने के लिए ट्रेन, बस और टैक्सी तीनों साधन उपलब्ध हैं जाती है। सावित्री माता मंदिर तक जाने के लिय  सड़क व रेल मार्ग से पुष्कर पहुंचा जा सकता है जो अजमेर से  14 किमी दूर है। सावित्री माता मंदिर में  पहुंचने के लिए 750 सीढ़िया चढ़नी होती हैं। मंदिर तक रोप वे से भी पहुंचा जा सकता है जिसका टिकट 150 रुपए है। रोप-वे का संचालन मंदिर की समय सारणी के अनुसार किया जाता है।

अन्य समन्धित पोस्ट

सावित्री माता