आइए जानते हैं कि कामाख्या मंदिर कैसे पहुंचे?

कामाख्या मंदिर कहां है?

 

51 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या माता का मंदिर असम राज्य के गुवाहाटी में स्थित है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पुरी करने के लिए जाते हैं।

कामाख्या देवी मंदिर की दूरी गुवाहाटी से कितनी है?

 

गुवाहाटी शहर असम का प्रसिद्ध शहर है, जहां से माता कामाख्या जी के मंदिर की दूरी करीब 10 किमी. है। गुवाहाटी से आप ऑटो या बस के माध्यम से कामाख्या देवी के मंदिर जा सकते हैं।

कामाख्या मंदिर कैसे जाएं ? How To Reach Kamakhya Temple?

 

 

असम में स्थित कामाख्या देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। अगर आप कामाख्या देवी मंदिर जाना चाहते हैं, तो आप फ्लाइट, बस, ट्रेन, कार और बाइक से भी जा सकते हैं और माता कामाख्या जी के दर्शन कर सकते हैं।

फ्लाइट से कामाख्या मंदिर कैसे पहुंचे? How To Reach Kamakhya Temple By Flight ?

 

कामाख्या देवी मंदिर से सबसे नजदीक में गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जहां से कामाख्या मंदिर की दूरी लगभग 20 किमी. है। यदि आप फ्लाइट से कामाख्या मंदिर जाना चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी एयरपोर्ट से गुवाहाटी के एयरपोर्ट के लिए अपनी फ्लाइट ले सकते हैं। गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के विभिन्न हवाई अड्डों जुड़ा हुआ है। गुवाहाटी एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद आपको वहां से कामाख्या देवी मंदिर जाने के लिए ऑटो और बस मिल जाएगी। जो हर 10 से 15 मिनट में जाती है

ट्रेन से कामाख्या माता मंदिर कैसे पहुंचे ? How To Reach Kamakhya Temple By Train ?

 

कामाख्या माता मंदिर के पास में स्थित रेलवे स्टेशन कामाख्या ही है, जो कामाख्या मंदिर परिसर से मात्र 6 किमी. की दूरी पर स्थित है। ज्यादातर रेलवे स्टेशनों से कामाख्या रेलवे स्टेशन के लिए डायरेक्ट ट्रेन ना मिलने पर आप असम राज्य के प्रमुख शहर गुवाहाटी से ट्रेन पकड़ सकते हैं। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से कामाख्या माता मंदिर की दूरी करीब 8 किमी. है यहां से आपको बस फेयर ऑटो बहुत सारे साधन मिल जाएंगे

कामाख्या देवी मंदिर की प्रसिद्ध बातें

1 मनोकामना पूर्ति के लिए कामख्या माता के यहा  कन्या पूजन और भंडारा किया जाता है। इसके साथ ही यहां जानवरों की बलि दी जाती है।

2. काली और त्रिपुर सुंदरी देवी के बाद कामाख्या माता तांत्रिकों की सबसे महत्वपूर्ण देवी हैं।कामख्या माता  समस्त इच्छाओं को पूर्ण  करती है।

3. मंदिर परिसर में आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। यहा कामदेव मंदिर भी  है।

4. ऐसी मान्यता हैं की  यहां के तांत्रिक बुरी ताकतों को दूर भगाने में भी सक्षम हैं। बहुत से लोग विवाह, संतान, धन और अन्य इच्छाओं की पूर्ति के लिए कामाख्या की तीर्थ यात्रा पर जाते हैं।

कामख्या माता पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार जब देवी सती ने अपनी देह त्याग दी तब तो भगवान शिव उनको लेकर घुमने लगेउसके बाद तब भगवान विष्णु ने अपने चक्र से देवी सती के देह के टुकड़े क्र दिए तो जिस स्थान पर देवी सत्ती का गर्भ गिरा उस योनी ने एक देवी का रूप धारण किया उन्ही भगवती देवी को माता कामख्या के नाम से जाना जाता हैं | 

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