एकादशी में क्या करे क्या नहीं करे
एकादशी के दिन स्नानादि से निर्वत होकर भगवद्गीता के एक अध्याय का पाठ अवश्य करे |
निम् व जामुन के कोमल पत्ते चबाकर मुख को शुद्ध क्र ले और उगली से कंठ शुद्ध करना चाहिए |इस दिन वृक्ष से पत्ता नहीं तोडना चाहिए स्वयं गीरा हुआ पत्ता का उपयोग करना चाहिए |
मन ही मन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र का जप करना चाहिए |
नास्तिक व्यक्ति जो भगवान की निंदा करता हैं ऐसे व्यक्ति से इस दिन बात नहीं करना चाहिए |
एकादशी के दिन लकड़ी के दातुन तथा पेस्ट का उपयोग नहीं करना चाहिए |
एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया हैं क्यों की भगवान श्री के चावल का भोग नहीं लगता |
इस दिन घर में बनाया हुआ फलों के रस का सेवन करना चाहिए | बाहर का कुछ भी खाना नहीं चाहिए |इस दिन जुआ , दिन में सोना , चोरी , चुगली करना , पराई निंदा करना ,कपट पूर्ण कार्यो का सर्वदा त्याग करना चाहिए |
एकादशी के दिन जिव हिंसा करना वर्जित माना गया हैं | इस दिन बाल , नाख़ून नहीं काटना चाहिए |
इस दिन घी का दीपक जलाकर रात्री जागरण क्र भगवान के भजन करना चाहिए |
इस द्वादशी के दिन अन्न दान करना चाहिए परन्तु स्वयं किसी से दान नहीं लेना चाहिए | और किसी कारण से दान लेने पर उस दान का अधिक भाग स्वयं दान करना चाहिए |
इस दिन bhgvaan सूर्य को अर्ध्य अर्पित कर भगवान श्री हरी का पूजन करना चाहिए ||