भजन माला
श्री राधे गोविन्द गोपाल काट भव जाल गोवर्धन धारी |
मैं आई शरण तिहारी ||
मैं निश दिन तुम्हें जगाती हूँ और प्रेम से राधेनाम सुनती हूँ तुम जागो जागो मेरे मोहन आप बनवारी।
श्रे राधे गोविन्द गोपाल काट भव जाल गोवर्धन धारी |
मैं आई शरण तिहारी ||
मैं निशदिन तुम्हें निलाती हूँ और नित नये वस्त्र पहनाती हूँ | तुम पहनो पहनो वस्त्र आप बनवारी।
श्रे राधे गोविन्द गोपाल काट भव जाल गोवर्धन धारी |
मैं आई शरण तिहारी ||
मैं निश दिन भोग बनाती हूँ और प्रेम से भोग लगाती हूँ |मोहन
तुम जियो जिमों मोहन आप बनवारी।
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श्रे राधे गोविन्द गोपाल काट भव जाल गोवर्धन धारी |
मैं आई शरण तिहारी ||
मैं निशदिन मोहन सुलाती हूँ और प्रेम से लोरी सुनाती हूँ तुम पोढो पोढो मोहन आप बनवारी|
श्रे राधे गोविन्द गोपाल काट भव जाल गोवर्धन धारी |
मैं आई शरण तिहारी ||
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