|| श्री सत्यनारायण जी की आरती ||
जय लक्ष्मी स्वामी , प्रभु जय कमला स्वामी | प्रभो सत्यनारायण जय अन्तर्यामी || टेर || शुक्ल…वर्ण पीताम्बर…वनमाला धारी | चक्र सुदर्शन कर में , रिपुगण भयकारी || १ || शंक गदात्पल सुन्दर , हाथों में सोहे | तब सुन्दरता देखत , कोटि मदन मोहे || २ || राधा – कृष्ण तुम्हीं हो , तुम […]