गौमूत्र के आयुर्वेद के उपाय |आयुवेदिक इलाज | GOUMUTR KE UPAAY

आयुवेदिक इलाज 

गोमूत्र के चमत्कारिक प्रयोग 

  1. गोमूत्र के चमत्कारिक प्रयोग -जलोदरके रोगीके लिये गोमूत्र तथा पञ्चगव्यका का  सेवन लाभदायक होता है।
  2.   गोमूत्र को पीने से पहले जितनी बार छानेगे उतना अधिक गुणकारी होता हैं बार – बार छानने  गौमूत्र गुणकारी हो जाता हैं |गौमूत्र को 21 , 51 , 108 बार छानना चाहिए | गौमूत्र को  छानकर पीये उतनी ही बार दस्त लगेगा जिससे रोग नष्ट होते हैं | काया निरोगी होती हैं | यह गोमूत्र की विशेषता हैं |
  3.  किसी भी प्रकार के चर्म रोग के रोगीको गोमूत्र से स्नान करना चाहिये।
  4. गोमूत्रसे स्नानके बाद साबुन लगाकर स्नाननहीं करना चाहिए |
  5. गौमूत्र के स्नान के बाद स्नान करना रोगको बढ़ावा देना है।
  6. गोमूत्र पीनेसे जठराग्नि दीप्त होती है। 
  7.  ढ़ाई तोला गोमूत्र पीनेसे पथरी भी कट जाती हैं यह पथरी का रामबाण इलाज हैं पीने के लिए गौमूत्र का उपयोग छानकर ही करे |
  8. गौमूत्र 5 या 7 दिन पीने के बाद बंद क्र देना चाहिए | यह प्रयोग कुछ दिन करना चाहिये। गोमूत्र पीनेवालेको सायंकाल / शाम को गाय का दूध मिश्री मिलाकर पीना चाहिए |
  9.  प्रातःकाल गोमूत्रसे आँखें धोनेसे आखो से होने वाले रोग कम हो जाते हैं |
  10. आखों की रौशनी तेज होती हैं | आँख समन्धि रोग विकार दूर होते हैं |
  11. आखों को गौमूत्र से धोते समय साबुन से परहेज करना चाहिए |
  12. आँख और नाक में सोते समय गाय का घी लगाना चाहिए |

ANY SMNDHIT POST

आयुर शंख का

 

Related Post