माघ महात्म्य बीसवां अध्याय

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  माघ मास महात्मय बीसवां अध्याय माघ ] वेदनिधि कहने लगे की हे महर्षि! धर्म को जल्दी ही कहिएकी इस माघ मास में  क्योंकि श्राप की अग्नि बड़ी दुखकारक होती है। लोमश ऋषि…

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