आरती कृष्णजी की कृषण वन्दना

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                         श्री  कृष्ण वन्दना आरती कृष्णजी की भजे ब्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डन , स्वभक्तचितरंजनं सदैव , नन्दनन्दम | सुपिच्छगुच्छमस्तकम सुनादवेण हस्तकम , अनंगरंग सागरम…

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