भगवान गणेश की जन्म कथा [ स्कन्दपुराण ] के अनुसार | Bhagwan Ganesh Ki Janm Katha [ Skndpuraan Ke Anusaar ]

गणेश जी पूजा अचना महत्तव

 भगवान गणेश जन्म कथा

माता पार्वती ने अपने उबटन की बत्तियो से एक शिशु बनाकर उस में प्राण प्रविष्ट कर उसे अपना पुत्र मान लिया और कहा पुत्र ! “ मैं स्नान कर रही हूँ , तुम किसी को अंदर मत आने देना |’ जब पार्वती जी स्नान कर रही थी बालक पहरा लगा रहा था | इसी बीच शिवजी आ गये | उन्होंने शिवजी को रोका और कहा माता स्नान कर रही हैं | आप भीतर नहीं जा सकते | शिवजी ने बालक को समझाया पर बालक नहीं माना | दोनों में घोर युद्ध हुआ | शिवजी ने बालक का सिर काट लिया |


माँ पार्वती शोर सुनकर बाहर निकली और रुदन करने लगी | उसी बीच गजासुर शिवजी से लड़ने आया | शिवजी ने असका मस्तक काट कर बालक के धड पर लगा दिया | इसलिए सर्वप्रथम इनको ’ गजानन ‘ नाम मिला |
“ ॐ गंग गणपतये नम: “

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