क्षमा
सत्यं
दया
दानं
शौच
इन्द्रियनिग्रह
देवपूजा
हवन
संतोष
चोरी न करना
क्रोध , प्रमाद अथवा लोभ करने से व्रती का व्रत भंग हो जाता हैं |
क्षमा
सत्यं
दया
दानं
शौच
इन्द्रियनिग्रह
देवपूजा
हवन
संतोष
चोरी न करना
क्रोध , प्रमाद अथवा लोभ करने से व्रती का व्रत भंग हो जाता हैं |