
श्रीमहाभारत वनपर्व के अन्तर्गत मार्कण्डेयसमास्यापर्व में क्षत्रियमाहात्म्य के प्रकरण में शिबिचरित्रविषयक एक सौ अट्ठानबेवाँ अध्याय ll Representation of Shibiki importance by Varshi naradd
अष्टनवत्यधिकशततमोऽध्यायः देवर्षि नारदद्वारा शिबिकी महत्ताका प्रतिपादन वैशम्पायन उवाच श्री महाभारत वन पर्व भूय एव महाभाग्यं कथ्यतामित्यव्रवीत् पाण्डवो मार्कण्डेयम् । अथाचष्ट मार्कण्डेयः । अष्टकम्य वैश्वामित्रेरश्वमेधे सर्वे राजानः प्रागच्छन् ॥ १ …
श्रीमहाभारत वनपर्व के अन्तर्गत मार्कण्डेयसमास्यापर्व में क्षत्रियमाहात्म्य के प्रकरण में शिबिचरित्रविषयक एक सौ अट्ठानबेवाँ अध्याय ll Representation of Shibiki importance by Varshi naradd Read More