भडली नवमी [ भडल्या नवमी] स्वयं सिद्ध मुहूर्त

आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि भडली नवमी जिसे आम बोलचाल की भाषा में भडल्या नवमी के नाम से जाना जाता हैं | भडली नवमी तिथि अक्षय तृतीया और बसंत पंचमी की ही तरह अबूझ मुहूर्त वाली तिथि मानी जाती हैं | भडली नवमी को शुभ कार्य किये जाते हैं |

आज गुप्त नवरात्रे समाप्त हो रहे हैं इसलिए यह दिन अत्यंत शुभ हैं | विवाह के लिए भडली नवमी अत्यंत शुभ हैं | इस वर्ष भडली नवमी 18  जुलाई  रविवार   को हैं | ऐसी मान्यता हैं की भडली नवमी को विवाह के मुहूर्त के लिए मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती | जिन लोगो के विवाह के मुहूर्त में बाधा आ रही हैं उनका विवाह भडली नवमी को करना शुभ माना गया हैं |

देवशयनी एकादशी 20  जुलाई मंगलवार को हैं | इस दिन से भगवान श्री हरी विष्णु क्षीर सागर में शयन करते हैं | इसके बाद चार मास शुभ कार्य वर्जित रहेंगे | अत: शुभ कार्य करने का अंतिम दिन भडली नवमी को माना गया हैं | 21 जुलाई से 14  नवम्बर तक विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित हैं |

चातुर्मास के चार माह विवाह और अन्य शुभ कार्य नहीं किये जाते | देव उठनी एकादशी पर देवताओ के उठने पर चातुर्मास  समाप्त होगा | देवउठनी एकादशी से शुभ कार्य प्रारम्भ  हो जाते हैं | शास्त्रों के अनुसार भडली नवमी को किये गये कार्य सिद्ध हो जाते हैं |

देवशयनी एकादशी 

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