संकट मोचन विनायक जी की कहानी |

sankat mochan  vinayak ji bhgvaan ki kahani

एक दिन गणेश जी के मन्दिर का मेला आया | सभी जने मेला देखने जाने लगे , एक छोटी सी लडकी थी वो अपनी माँ से बोली माँ , मैं भी मेले में जाउंगी | माँ बोली , वहा भीड़ बहुत रहेगी तो तू न जा पायेगी पर लडकी नही मानी | माँ ने कहा ठीक हैं चली जा और उसके साथ दो चूरमे के लड्डू बांध दिए व लोटे में जल भर दे दिया | माँ ने कहा एक लड्डू गणेश जी को खिला देना और जल पिला देना और एक लड्डू तू खा लेना |

लडकी मेले में चली गई | वहा बहुत भीड़ थी ,सब जने मेला देखकर जाने लगे पर लडकी की बारी नहीं आई | लडकी को इंतजार करते अँधेरा होने लगा | सबने लडकी से कहा चल चले पर लडकी बोली मैं तो गणेशजी को लड्डू खिला जल पिला कर ही आउंगी | सब के जाने के बाद लडकी गणेश जी के पास जाकर बैठ गई और बोली “एक लड्डू तुझको एक लड्डू मुझको “| ऐसे बहुत देर हो गई लडकी को भूख लगी थी रोने लगी और बोलती गई “ एक लड्डू तुझको एक लड्डू मुझको  “  गणेशजी लडकी की भक्ति से प्रसन्न हो लड्डू जिम जल पिया और बोले “ लडकी मांग ले जों तुझे चाहिए लडकी बोली “ अन्न मांगू , धन मांगू , नौ खण्ड महल मांगू , चौरासी दिया , हंस , हाथी , बांदी पिस ,खुट्या हार , सजा भरतार रुनझुन गाड़ी “ बस इतना ही मांगू |

गणेशजी ने बोला लडकी तूने तो मुझे ठग लिया और ततास्तु कह कर लडकी की सारी मनोकामनाए पूरी कर दी |  लडकी सकुशल घर पहुच गई ,लडकी का मान सम्मान धन दौलत देख सबने पूछा तब लडकी ने कहा यह सब तो गणेशजी भगवान ने मुझे प्रसन्न होकर दिया हैं |

लडकी की  गणेशजी में आस्था देख सब गणेशजी का गुण गान करने लगे | हे ! गणेशजी भगवान जैसा लडकी को दिया वैसा सबको देना |

कहता न सुनता न म्हारा सारा परिवार को देना |

 

 

सभी व्रत व उपवास की कहानी सुनने के बाद गणेशजी ,

लपसी तपसी ,

पीपल पथवारी की कहानी सुनना चाहिए |

|| जय गणेशजी की जय हो ||

तिल चौथ व्रत की कहानी