श्री नृसिंह जयंती 2023  

भगवान नृसिंह जयंती बैशाख मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती हैं | इस वर्ष नृसिंह जयंती 25 मई को हैं | नृसिंह जयंती के दिन किसी भी लक्ष्मी नृसिंह मन्दिर में जाकर दर्शन मात्र से ही जीवन सार्थक हो जाता हैं | भगवान नृसिंह की पूजा का दक्षिण भारत में अधिक प्रचलन हैं | भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं | विष्णु पुराण के के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक अवतार नृसिंह अवतार हैं |

 

नृसिंह अवतार कथा

बालक प्रहलाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे | जब वे अपनी माता [ कयाधू ]  के गर्भ में थे तब उन्हें देवर्षि नारद के मुख से भगवद् भक्ति का ज्ञान प्राप्त हो गया | परन्तु प्रहलाद के पिता हिरण्यकशिपुका यह देखकर अत्यंत क्रोधित हो गये | हिरण्यकशपुका भगवान के नाम का स्मरण करने वालो को अपना शत्रु समझता था | जब हिरण्यकशपुका को यह ज्ञान हुआ की उसका पुत्र भगवान विष्णु का परम भक्त हैं तो वह प्रहलाद को सबक सिखाना चाहता था , पर प्रहलाद भगवान का परम भक्त था यह देखकर उसने प्रहलाद को भीषण से भीषण यातनाऐ दी , किन्तु जो भगवान का ध्यान करता हैं उसकी रक्षा स्वय भगवान करते हैं |

हिरण्यकशपुका ने प्रहलाद को एक खम्बे के बांध दिया, खम्बे के बंधे होने पर भी भगवान विष्णु का स्मरण क्र रहे थे | हिरण्यकशपु तलवार लेकर उन्हें मारने लगे | प्रभु की लीला धन्य हैं | उसी क्षण भगवान ने नृसिंह रूप में प्रकट होकर भक्त प्रहलाद को दिव्य दर्शन दिए और हिरण्यकशपु का संहार किया |

तभी से भगवान नृसिंह का यह दिव्य रूप भक्तो का प्रिय बन गया | भगवान नृसिंह [ श्री विष्णु ] के दर्शन मात्र से ही जीवन सार्थक हो जाता हैं |

नृसिंह जयंती पूजन विधि

नृसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु की नृसिंह रूप में पूजा अर्चना की जाती हैं | इस दिन घर में गंगा जल छिडक कर शुद्ध करे | भगवान विष्णु का नृसिंह रूप में धुप , दीप , नैवेध्य , पुष्प , घी का दीपक  आदि से मन्दिर के समक्ष आसन बिछाकर भगवान का ध्यान करे व विधि पूर्वक पूजन करे | पूजन के पश्चात नृसिंह जयंती के दिन बच्चो को मिठाई [ प्रसाद ] अवश्य खिलाये |

|| वन्दे विष्णु ||        || वन्दे विष्णु ||

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