वैवाहिक मांगलिक गीत गणेश वन्दना | vaivahik-manglik-geet-ganesh-vandna
गणेश वन्दना मंगल गीत कि श्र्र्खला को आगे बढ़ाते हुए मैं आपके लिए ला रही हूँ यह मंगलं गीत आप जब शादी ब्याह में महिलाओ के बीच बैठेगी तो अपनी मधुर आवाज में यह गीत गाइये , और अपनी तारीफ सुनिए | आज बदलाव की आवश्यकता को समझते हुए पुरानी पारम्परिक रीति रिवाजों व अपनी भारतीय संस्कृति व सभ्यता को आगे बढाये | व मेरे साथ मधुर आवाज में गुनगुनाईए |
रणत भवर सूं सीधा पधारो बाबा गणपत जी ,
ब्याह को काज संवारो सुधारो बाबा गणपत जी |
आज गजानंद म्हारे आगंण पावन अवसर आयो हैं ,
गुलबनडी के शुभ विवाह को मंगल कलश लजायो हैं |
गोरी पुत्र महे थार ही भरोसे ये शुभ विवाह रचायो हैं ,
आप कृपा कर अष्ट सिद्धि और नवनिधि साथ ल्याओं हैं |
होसी घनो स्वागत थारो म्हार घर के माय जी || ब्याह को ………………..
रणत भवर ……………….
बनडी री भाभी बड़ा चाव सू थारो पंथ बुहार जी ,
भैया जी खड़ा ज्यूँ थारे युग युग चरण पखारे जी ,
बाबा री रामचन्द्र जी , फेर – फेर मोहरा उबारो जी ,
कुटुम्ब कबीलों सारो म्हारे घर में स्वागत थारो जी || ब्याह ……………..
रणत भवर ……………………….
सूंड सूडाला लगा उबटनो पाटो पुजा बाबा जी ,
शुभ वस्त्र पहनाकर अंतर तेल फुलेल लगावा जी ,
धुप – दीप से करा आरती चोकी बैठाय जिमावा जी ,
घनो मोद से कंद मूल फल मोदक भोग लगावा जी ,
पोढ़न न चोबारो सजावा थे जी जावों मत जी ,
ब्याह को कारज संवारे सुधारो माखा गणपत जी ,
रणत भवर ………………………..|
|| जय रणत भंवर गणेशजी की ||
{ 4 }
आज बिन्दायक कुण जी घर नोत्यों |
आज बिन्दायक बाबाजी घर नोत्यों |
आज बिन्दायक दादाजी घर नोत्यों |
दादया न्योत जिमाओं ओ बिन्दायक | किला र छाजे नौबत बाजे , नौबत बाजै नगाड़ा भी बाजै |
तो रणत भवर गरणायौ ओ बिन्दायक |
किला र छाज नौबत बाजे ,नौबत बाजै नगाड़ा भी बाजै |
आज बिन्दायक पापाजी घर नोत्यों |
आज बिन्दायक काकाजी घर नोत्यो |
माँवा न्योत जिमाओं ओ बिन्दायक | किला र छाजे नौबत बाजे , नौबत बाजै
नगाड़ा भी बाजै |
तो रणत भवर गरणायौ ओ बिन्दायक |
किला र छाज नौबत बाजे ,नौबत बाज नगाड़ा भी बाजै |
आज बिन्दायक कुण जी घर नोत्यो |
{ ऐसे परिवार के सदस्यों का नाम लेते हुए गीत को आगे बढाये | }
गणेश वन्दना [ 5 ]
चोखा सा चावल हलद पीला , ज्या म्हारा भवरया न्युतबा ,
म्ह तो गाँव न जाणु , बाई नाम न जाणु ,
किस घर जाऊ बाई न्योत्बा ,
ओ तो गाँव रणत भंवर , नाम बिनायक बाबों ,
जा घर भंवरया न्योत्बा ,
ओ तो गाँव सालासर , नाम हनुमान बाबों ,
ज्या घर भंवरया न्योत्बा ,
ओ तो गाँव खाटू , नाम श्याम बाबों ,
ज्या घर भंवरया न्योत्बा ,
ओ तो गाँव नाद , नाम नादमाता ,
ज्या घर भंवरया न्योत्बा ,
तू तो न्योत दशरथ जी रा रामचन्द्र जी , वे म्हार काज सिधारसी ,
{ बाद में परिवार वालो का नाम लेते हुए गीत को आगे बढाये }
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